मेहसाणा दंगा केस : हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा
विजय तिवारी की रिपोर्ट
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दंगा कराने के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उन्हें इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि हार्दिक ने पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग की थी। इस दौरान मेहसाणा में हिंसा हो गई थी।
इस हिंसा का आरोप हार्दिक पटेल पर लगा था। इस दौरान भाजपा विधायक श्रषिकेश के दफ्तर पर तोड़फोड़ की गई थी। इसके लिए भी हार्दिक पटेल को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में 14 लोगों को बरी कर दिया गया है। जबकि हार्दिक पटेल सहित 3 लोगों को दोषी माना गया है।
बता दें कि इस मामले को लेकर गुजरात के मेहसाणा में हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी भी हुई थी। जिसके बाद पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने बंद का ऐलान किया है। इस दौरान प्रशासन ने हिंसा और आंदोलन के उग्र होने के मद्देनजर मेहसाणा के अलावा सूरत और राजकोट में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि इस आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया था। आंदोलन में शामिल लोगों ने दो इमारतों को भी आग के हवाले कर दिया था और पुलिस की कई गाड़ियों को क्षति पहुंचाई थी। भीड़ को बेकाबू होता देख प्रशासन ने मेहसाणा में कर्फ्यू लगा दिया था। लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा था।
सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) ने पटेल समुदाय को आरक्षण देने तथा जेल में बंद हार्दिक पटेल समेत दूसरे पाटीदार नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर जेल भरो आंदोलन का एलान किया था। समुदाय के हजारों लोग शहर के मोढेरा चौराहे पर जुटे थे। उनकी अगुवाई एसपीजी के प्रमुख लालजी पटेल कर रहे थे। उनका आरोप है कि पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। वे लोग जुलूस की शक्ल में आगे बढ़ रहे थे कि तभी पुलिस ने भीड़ को उकसाने के लिए लालजी और उनके संगठन के कुछ सदस्यों पर लाठी से वार किया। लालजी के सिर पर चोट आई है। इसके बाद हालात काबू से बाहर होते गए।
उस दौरान राज्य के प्रभारी डीजीपी पीपी पांडेय ने कहा था कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों के हिंसक होने के बाद स्थिति बिगड़ी। पुलिस कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने बताया था कि आंदोलन स्थल पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गन के साथ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। जब भीड़ की तरफ से पथराव होने लगा और वे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने लगे तो पुलिस ने पहले पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। इसके बाद लोगों को तितरबितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। उस समय मेहसाणा में लालजी समेत 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है।