गुरु पूर्णिमा पर अमित शाह का प्रयागराज में पूजन अर्चन देगा अलग संदेश

इलाहाबाद । कुंभ 2019 का आयोजन भाजपा सरकार पूरी भव्यता से कराना चाहती है ताकि देश-विदेश में बेहतर संदेश जा सके। 27 जुलाई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की प्रयाग यात्रा इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल 27 जुलाई को गुरु-शिष्य में आत्मीय रिश्तों का पर्व गुरु पूर्णिमा है। इसी शाम भाजपा अध्यक्ष प्रयाग में संतों से आत्मीयता जोड़ते नजर आएंगे। वह कुंभ पर चर्चा, पूजन-अर्चन करेंगे। वह पांच घंटे से अधिक समय संतों के साथ रहेंगे। इसी के चलते सियासी हलकों में उनकी यात्रा के राजनीतिक से अधिक धार्मिक होने की चर्चा है।
प्रयाग में महाकुंभ 2013 में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण, गंगा की निर्मलता, गोहत्या पर पाबंदी जैसे मुद्दों को पूरा कराने के लिए संतों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने को आह्वान किया था। इसके बाद भाजपा केंद्र की सत्ता में आई। मंदिर निर्माण, गंगा निर्मलता व गोहत्या पर पाबंदी जैसे मुद्दों पर सरकार ने कदम आगे बढ़ाया, लेकिन उसका पूर्ण परिणाम सामने नहीं आया। संभवतः इसी के चलते कुछ संत भाजपा के खिलाफ बोलने लगे हैं। अमित शाह कुंभ से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से मिलकर गिले-शिकवे दूर करने का प्रयास कर सकते हैं।
अमित शाह का प्रयागराज दौरा
शाम पांच से छह बजे तक जूना अखाड़ा के मौज गिरि मंदिर में योग ध्यान केंद्र का शिलान्यास एवं यमुना में बने सिद्ध बाबा मौज गिरि घाट का उद्घाटन। साथ ही यमुना जी की आरती करेंगे।
शाम 6.30 से सात बजे तक संगम पूजन।
शाम सात से 7.30 बजे तक किला में स्थित अक्षयवट का दर्शन।
शाम 7.30 से आठ बजे तक लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन व पूजन।
रात आठ से 8.30 बजे तक मठ बाघंबरी गद्दी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के साथ कुंभ व धार्मिक मुद्दों पर चर्चा।
रात 9.30 बजे संतों के साथ मठ बाघंबरी गद्दी में भोजन।
कुंभ 2019 से पहले अध्यक्ष अमित शाह की यात्रा में वह संतों से कुछ कहेंगे तो कुछ उनकी भी सुनेंगे। संत भी अपनी मांगों को उनके समक्ष रखेंगे। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखने के मसले को लेकर अखाड़ा परिषद महंत नरेंद्र गिरी ने सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। शीघ्र ही नाम बदलकर प्रयागराज होने वाला है।
कुंभ से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखा जाए।
अविरल, निर्मल गंगा-यमुना के लिए स्थायी कदम उठाए जाएं।
गोहत्या पर देशभर में पाबंदी लगे।
संस्कृत विद्यालयों की मरम्मत व खाली पद भरे जाएं।
अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण की पहल तेज हो।
अखाड़ों के आश्रमों में चल रहे स्थायी निर्माण में तेजी लायी जाए।
सौ साल पुराने मंदिरों की मरम्मत कराई जाए।