कर्जदार किसानों पर 'सूखा' पड़ रहा भारी, घाटमपुर में किसान ने की आत्महत्या

कानपुर (घाटमपुर) : बारिश न होने से फसलें सूख रही हैं। इससे स्थानीय किसान काफी दुखी है। बैंकों की कर्ज अदायगी भी उनके लिए भारी पड़ रही है। कर्ज से त्रस्त एक किसान की मौत का कारण भी बैंक कर्ज ही बना। उस किसान ने कर्ज चुकता न कर पाने के गम में पेड़ की डाल पर फंदा बना फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। घुघुवा गांव के मजरा बक्सरा निवासी एक किसान की मौत का कारण भी बैंक का कर्ज ही बना। सोमवार सुबह खेत में स्थित एक पेड़ में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।
घुघुवा गांव के मजरा बक्सरा निवासी उदयवीर (45) के हिस्से में करीब नौ बीघा कृषि भूमि थी। उदयवीर ने वर्ष 2004 में भारतीय स्टेट बैंक शाखा बरीपाल से ट्रैक्टर खरीदने के लिए साढ़े 4 लाख रुपये ऋण लिया था। जिसकी अदायगी न हो पाने के कारण बैंक ने वर्ष 2010 में आरसी जारी करने के साथ ही उसका ट्रैक्टर भी नीलाम कर दिया था। उसने नवेड़ी स्थित बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक व नगर स्थित बैंक आफ इंडिया शाखा से भी किसान क्रेडिट कार्ड पर फसली ऋण ले रखा था। परिजनों के मुताबिक भूमि के अ¨सचित होने और कई वर्ष से सूखे के हालात के चलते पर्याप्त पैदावार नही हो रही थी। इस वर्ष भी उसने खेतों में ज्वार की फसल बोई थी, लेकिन बरसात न होने के चलते बेहद कम संख्या में ही पौध उगे थे। जिससे उदयवीर भविष्य को लेकर बेहद परेशान था।
उधर बैंक प्रबंधन भी ऋण अदायगी के लिए उदयवीर पर लगातार दबाव बना रही थीं। बैंक आफ इंडिया शाखा घाटमपुर ने भी उसे प्री लिटिगेशन/ लोक अदालत सम्मन जारी कर 13 जुलाई को बैंक शाखा अथवा 14 जुलाई को जनपद न्यायालय में सुलह समझौता का नोटिस जारी कर कानूनी व दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। मृतक किसान के भाई जयवीर के मुताबिक कर्ज से परेशानी के चलते उदयवीर कुछ साल से शराब का भी लती हो गया था। जिसके चलते उसने सोमवार सुबह करीब पांच बजे गांव से दक्षिण की ओर करीब 200 मीटर दूर स्थित एक बेरी के पेड़ की डाल पर रस्सी से फांसी लगा कर खुदकशी कर ली। जाजपुर चौकी प्रभारी वीपी रस्तोगी ने बताया कि शव का पंचनामा करा पोस्टमार्टम को भेजा गया है।