थानेदार ने महिलाओं से की अभद्रता, मंत्री को दी गाली

जौनपुर जिले के खेतासराय के थानाध्यक्ष का एक वीडियो खासा सुर्खियों में है। वीडियो में थानाध्यक्ष महिलाओं के सामने सूबे के एक मंत्री को गंदी गंदी गालियां दे रहा है।
खेतासराय थाना क्षेत्र के सफीपुर गांव में रविवार को भूमि विवाद के मामले में की जांच करने पहुंचे खेतासराय के थानाध्यक्ष ने महिलाओं से अभद्रता की और सूबे के एक मंत्री को गालियां दीं। इसकी किसी ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस पर एसपी ने सोमवार को एसओ खेतासराय योगेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है।
सफीपुर गांव में देवनाथ यादव और राजेंद्र यादव के बीच आबादी की जमीन के लिए कई वर्षों से विवाद चल रहा है। रविवार को एक पक्ष अपने मड़हा के लिए दीवार बनानी शुरू कर दी। दूसरे पक्ष की शिकायत पर एसओ योगेंद्र सिंह, हल्का एसआई और सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने दीवार बना रहे लोगों को धमकाना शुरू किया और कहा कि मेरा संदेश मंत्री और अध्यक्ष को बता देना। औकात है तो मेरा ट्रांसफर करा लें, कह देना एसओ साहब आए थे, कह रहे थे। दूसरे वीडियो में एसओ गालियां देते हुए कहा कि मारपीट नहीं होनी चाहिए।
इसका वीडियो ग्रामीणों ने बना लिया। इसका वीडियो सोमवार को वायरल होते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। एसपी दिनेश पाल सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया और उन्होंने एसओ को लाइन हाजिर कर दिया।
एक मंत्री का बिना नाम लिए अपशब्द बकने वाले एसओ पर तो गाज गिर गई। लेकिन हल्का के दारोगा और सिपाहियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि सभी के सभी अपशब्द बक रहे थे। प्रश्न यह है कि एसओ पर कार्रवाई हुई तो औरों पर क्यों नहीं?
क्या मंत्री और अध्यक्ष सार्वजनिक रूप से महिलाओं के सामने अपशब्द बकने की सजा सिर्फ लाइन हाजिर ही है। हो सकता है कि मंत्री और अध्यक्ष ने किसी के पक्ष में सिफारिश किया हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके प्रति अपशब्द बकें जाए। अगर वह गलत सिफारिश किए तो उन्हें बताया जाना चाहिए था।
मामले में एसपी दिनेश पाल सिंह ने कहा कि भूमि विवाद के एक मामले में एसओ खेतासराय मौके पर गए थे। उनके बातचीत का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसके आधार पर उन्हें लाइन हाजिर कर प्रारंभिक जांच एएसपी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।