अयोध्या में क्वीन हो मेमोरियल के पास लगेगी भगवान राम की भव्य प्रतिमा
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या को लेकर बेहद गंभीर है। अयोध्या-फैजाबाद को विकास प्राधिकरण का दर्जा देने के साथ ही वहां के धार्मिक माहौल को बढ़ावा देने का काम जारी है। वहां सरयू के तट पर दीपदान के बाद अब भगवान राम की भव्य प्रतिमा को लगाने का काम जल्दी शुरू होगा।
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भले ही अभी तक संशय बना है, लेकिन भगवान राम की बड़ी और भव्य प्रतिमा कहां लगेगी यह तय हो गया है। यहां भगवान राम की 152 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। अयोध्या में नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट के तहत 108 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा लगाने के लिए सरयू नदी के पास ही कोरिया की रानी क्वीन हो मेमोरियल के पास जगह का चयन किया गया है। यहां पर प्रतिमा भले ही 108 मीटर की लगाई जा रही है, लेकिन उसका पेडस्टल करीब 44 मीटर का होगा। यह पूरी प्रतिमा 152 मीटर ऊंची हो जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीते दिनों यह तय किया गया था कि राम की प्रतिमा कोरिया की रानी रही क्वीन हो के स्मारक के पास लगाई जाएगी। भगवान राम की प्रतिमा अब सरयू पुल के बीच में वहां कोरिया रानी क्वीन हो के स्मारक के पास लगाई जाएगी। यहां लगने से अयोध्या से गुजरने वाले हर शख्स को प्रतिमा नजर आएगी।
भगवान राम की प्रतिमा के लिए आर्किटेक्ट तय हैं और जल्द ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से इसकी अनुमति की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। सरकार को भरोसा है कि करीब चार महीने में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण में 330 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार का प्रयास है कि कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत अयोध्या में कई प्रोजेक्ट के लिए 755 करोड़ रुपये जुटाए जाएं। राम की प्रतिमा के अलावा अयोध्या के विकास और नई अयोध्या टाउनशिप जैसे कई प्रोजेक्ट शुरू होंगे।
अयोध्या में भगवान राम की 108 मीटर ऊंची भव्य प्रतिमा लगाने की योजना के मास्टरप्लान में अधिक जोर इस पर है कि प्रतिमा और आस-पास का क्षेत्र अध्यात्म की मौलिकता से ओत-प्रोत लगे। वहां सरयू की धारा भी लाई जाएगी। राम की पैड़ी से सरयू की धारा लाने के लिए सिंचाई विभाग को विशेषज्ञ इंजिनियरों के जरिए कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। प्रॉजक्ट का आर्किटेक्ट तय किया जा चुका है। प्रतिमा के पैडस्टल के पास आधुनिक म्यूजियम, ऑडिटोरियम और आर्ट गैलरी भी बनेगी, जिसमें विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन होगा। प्रॉजेक्ट के पर्यावरणीय अनुकूलन के लिए जल्द नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सहित अन्य संस्थाओं से अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए यूपी राजकीय निर्माण निगम को निर्माण एजेंसी बनाए जाने का फैसला लिया गया है।
अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने यहां पर कई बड़ी योजनाओं स्थापित करने का इरादा कर लिया है। केंद्र की स्वदेश और प्रसाद योजना के अंतर्गत जहां 300 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं चल रही हैं, वहीं पीडब्लूडी, ऊर्जा और नगर विकास विभाग की भी कई योजनाओं के जरिए सौंदर्यीकरण से लेकर बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने पर काम चल रहा है। इसके बाद नव्य अयोध्या का यह नया प्रॉजेक्ट प्रस्तावित है, जिसमें पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म की सभी संभावनाओं को विकसित कर अयोध्या की सूरत बदलने पर काम होना है। यहां पर विकास की अलग-अलग विभागों की योजनाओं को एक छत के नीचे लाने को जल्द मथुरा की तर्ज पर अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का भी गठन किया जाएगा।