सूखाग्रस्त घोषित करने की माग को लेकर तहसील पर किसानों का प्रदर्शन

वाराणसी (रोहनिया) : लोक समिति के तत्वावधान में तहसील राजातालाब में वाराणसी जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने, कर्जा माफ करने के साथ राजस्व वसूली रोके जाने को लेकर राजातालाब बाजार में रैली निकाली। जिसमें आराजी लाइन ब्लाक के नागेपुर बेनीपुर हरसोस बीरभानपुर हरपुर रखौना कचनार चक्त्रपानपुर मेहदीगंज भिखारीपुर असवारी पयागपुर भीमचण्डी आदि गांवों से आये सैकड़ों किसान राजातालाब स्थित सिचाई डाक बंगला से रैली निकाली। तहसील राजातालाब पहुंच कर धरना प्रदर्शन किया। तहसील के मुख्य गेट पर खड़े होकर किसानों ने अपनी माग को लेकर खूब नारे लगाये। बाद में किसानों ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से जिले को सूखे की मांग को लेकर अविलम्ब कार्यवाही करने की अपेक्षा की। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार किसानों की माग नही मानी तो वे सड़क पर उतरकर उग्र आन्दोलन करने पर मजबूर होंगे।
लोक समिति संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि वाराणसी जिला को सूखाग्रस्त घोषित करने की माग को लेकर गांव -गांव में किसानों को लामबद्ध किया जायेगा। धरने में शामिल किसानों ने कहा कि जुलाई माह बीतने के कगार पर है और यह महीना बिन बरसात के गुजरने वाला है बारिश नही हो पाने के वजह से जिले के किसान ज्वार, तिल, मक्का, सब्जी, अरहर आदि की फसल के अलावा धान की रोपाई नहीं कर पाए। बारिश का इंतजार करते करते धान की नर्सरी अब खराब हो गयी है। किसान भुखमरी के कगार पर है पर ऐसी दशा में शासन प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर सिर्फ तमाशा देख रहा है। लोगों ने उपजिलाधिकारी को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और वाराणसी जिले को अविलम्ब सूखा घोषित किये जाने की मांग किया ।
धरने में शामिल किसानों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग व बैंक अधिकारियों द्वारा संकट की इस स्थिति में भी किसानों को परेशान कर उनके ट्रैक्टर आदि खींचे जा रहे हैं जिसे तत्काल रोका जाए। बकाया वसूली भी स्थगित करने की माग की। बरसात नही होने के कारण जिले के तमाम किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। अभी तक किसानों को उचित मुआवजा की घोषणा नहीं किया गया। भेजे ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग किया कि फसलों की हुई क्षति भरपाई के लिए पीड़ित किसानों को प्रति बीघा 5 हजार रुपये की दर से क्षतिपूर्ति दी जाए। सभी तरह की लगान व अन्य राजस्व वसूली पर रोक लगायी जाय। किसानों के कर्जे व बिजली बिल माफ किया जाय। बच्चों के स्कूल फीस माफ किया जाय, असंगठित खेतिहर मजदूरों को मुआवजा व मनरेगा में काम दिया जाय। नहर में अविलम्ब पानी छोड़ा जाय। 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति किया जाय। पर्यावरण रक्षा जल संरक्षण के लिए विशेष कार्ययोजना बनायी जाय।
धरने में मुख्यरूप से अमित, रामबचन, अनीता, सरिता, सोनी, श्यामसुन्दर, मास्टर, पंचमुखी, सुनील, मुन्नी, बिंदु, रमावती, सीता, श्यामदेई, सुरजा, कुमारी, वित्तन, अंजु आदि लोग शामिल रहे। रैली का नेतृत्व अनीता पटेल संचालन सरिता और अध्यक्षता रामबचन ने किया।