एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दर्ज कराया पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा
रेस्टोरेंट में मारपीट व बाइक चोरी के मामले में युवक को प्रताड़ित करने व खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी राम-राम बैंक चौकी के प्रभारी अनिल कुमार सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी की गाज गिर पड़ी।
पांचों पुलिसकर्मियों को उन्होंने न सिर्फ लाइन हाजिर कर दिया बल्कि उनके खिलाफ मड़ियांव कोतवाली में हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करा दिया। मुकदमे की विवेचना क्षेत्राधिकारी अलीगंज दीपक कुमार सिंह को सौंपी गई है। राजधानी में लंबे अरसे के बाद किसी मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जानकीपुरम में किराये पर रह रहे हरदोई के युवक ने दो महीने पहले खुदकुशी कर ली थी। उसका शव एकेटीयू परिसर में फंदे से लटका पाया गया था। मृतक यहां राम-राम बैंक चौराहे पर स्थित एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी करता था।
रेस्टोरेंट में किसी बात को लेकर उसका ग्राहकों से झगड़ा हुआ था। उसी दौरान रेस्टोरेंट से एक बाइक भी चोरी हो गई। झगड़े की सूचना पाकर राम-राम बैंक चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे और उसे पकड़कर ले आए थे।
मृतक के पिता होरीलाल का आरोप था कि चौकी प्रभारी ने उनके बेटे को प्रताड़ित किया, जिसके चलते उसने खुदकुशी कर ली। उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच आरोपी पुलिसकर्मियों को होरीलाल के अफसरों के पास जाकर शिकायत करने की खबर लग गई।
वह होरीलाल पर दबाव बनाने लगे और उसे धमकियां देने लगे। मंगलवार को मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मिली तो उन्होंने तत्काल पीड़ित की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज करने और क्षेत्राधिकारी अलीगंज को जांच करने के आदेश दिए।
क्षेत्राधिकारी ने बताया कि मड़ियांव कोतवाली में चौकी प्रभारी अनिल कुमार सिंह के अलावा आरक्षी भगवान प्रसाद, सरोज वर्मा, रामस्वरूप और जितेंद्र बहादुर यादव के खिलाफ हत्या, लूट, बलवा, गाली-गलौज, जानमाल की धमकी और मारपीट के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
क्षेत्राधिकारी ने जांच पूरी होने तक पांचों पुलिसकर्मियों को लाइन में भेजने की रिपोर्ट दी थी, इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बृहस्पतिवार को उन्हें हटा दिया। क्षेत्राधिकारी का कहना था कि पुलिसकर्मी जांच में बाधा पहुंचा सकते थे, इसलिए उन्हें हटाया गया है।