'शत्रु' संकट में देंगे सरकार का साथ, अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ करेंगे वोटिंग
अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान देने के लिए सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद शत्रुघन सिन्हा ने संकट की घड़ी में सरकार का साथ देने का ऐलान किया है. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होने वाली वोटिंग में वो मोदी सरकार का साथ देंगे और इसके खिलाफ वोट करेंगे.
शत्रुघन के अलावा अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग के दौरान शिव सेना ने भी सरकार का साथ देने की बात कही है. शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि हमारी कोई मजबूरी नहीं है इसलिए हम सरकार के साथ रहेंगे.
हालांकि, गुरुवार को उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पहले विपक्ष की आवाज सुनी जानी चाहिए, चाहे उसमें एक व्यक्ति ही क्यों न हो. उन्होंने कहा कि जब जरूरत होगी, हम बोलेंगे और अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान हम वही करेंगे, जिसका निर्देश हमें उद्धव ठाकरे से मिलेगा.
इधर, डीएमके ने टीडीपी द्वारा लाए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है. डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि हम AIADMK से भी संसद में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह करेंगे. बता दें कि बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विपक्ष द्वारा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा के बाद वोटिंग होगी.
इस बीच टीडीपी सांसद जीसी दिवाकर रेड्डी ने संसद के सत्र का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा, 'मैं संसद के सत्र में हिस्सा नहीं ले रहा हूं. इसे आप कह सकते हैं कि मैंने पार्टी के विप का उल्लंघन किया है. मैं केंद्र और हमारी टीडीपी की सरकार से थक चुका हूं. मैं पूरे राजनीतिक तंत्र से थक चुका हूं.'
हालांकि, इस प्रस्ताव की टाइमिंग को लेकर कांग्रेस बंटती हुई नजर आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव की टाइमिंग के पक्ष में कांग्रेस के एक धड़े का मानना है कि यदि यह मोदी सरकार का अंतिम संसदीय सत्र हुआ तो विपक्ष इस मौके से चूक जाएगा कि सरकार बिना अविश्वास प्रस्ताव के कार्यकाल पूरी नहीं कर पाई. इसका मानना है कि यह रिकॉर्ड में रहना चाहिए कि मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था.
इस तर्क के पीछे मंशा है कि बहस की मीडिया कवरेज से मोदी सरकार के खिलाफ मुद्धों को जनता के बीच ले जाने का मौका मिलेगा. वहीं विपक्ष एक साथ इकट्ठा होगा. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपने सहयोगियों और बाकी दलों को मनाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ेगा.
जबकि अविश्वास प्रस्ताव की टाइमिंग के विरोध में कांग्रेस के एक धड़े का मानना है कि विपक्ष मोदी सरकार के ट्रैप में आ गया. नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आज तक से कहा है कि शुक्रवार शाम को प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री मोदी अपना भाषण लोकसभा में देंगे. शनिवार-रविवार को सप्ताहांत के चलते मीडिया में छाये रहेंगे और बीजेपी इसके जरिए नैरेटिव खड़ा करने मे कामयाब हो सकती है.