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उत्तर प्रदेश

केडीए के दो बाबुओं के खिलाफ लोकायुक्त जांच

केडीए के दो बाबुओं के खिलाफ लोकायुक्त जांच
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सीबीआई के बाद अब केडीए के दो चर्चित बाबुओं की लोकायुक्त जांच शुरू हो गई है। लोकायुक्त ने दोनों रसूखदार बाबुओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने केडीए वीसी को पत्र भेजकर जांच कराने को कहा है। केडीए वीसी ने संयुक्त सचिव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है।

कानपुर विकास प्राधिकरण में तैनात कई बाबू करोड़पति हैं। उनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। बाबुओं की कई अवैध कार्यों में संलिप्तता बताई गई है। इसकी जानकारी शासन से लेकर प्रशासन तक को है। इसे देखते हुए शिकायत पर लोकायुक्त ने डीएम को पत्र भेजकर दो बाबुओं के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। प्रकरण गंभीर होने पर केडीए वीसी ने तत्काल मामले की गंभीरता को समझते हुए संयुक्त सचिव केके सिंह के नेतृत्व में अधिशासी अभियंता आशु मित्तल समेत तीन लोगों की कमेटी बनाई है, जो इस मामले को देख रही है। वीसी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि कमेटी बाबुओं के खिलाफ जांच कर रही है। जल्द ही जांच रिपोर्ट डीएम को भिजवाई जाएगी।

पनकी व जूही के फर्जी रजिस्ट्री मामले में शामिल रहे बाबू

केडीए में बड़े पैमाने पर जूही और पनकी इलाके में फर्जी रजिस्ट्री का खेल खेला गया था। इसमें कई बाबू शामिल रहे। फर्जी नामों से रजिस्ट्री कराकर जमीनों को बेच दिया गया। औने-पौने दामों पर रजिस्ट्री होने के बाद पूरा खेल खुला था। इसको लेकर पूर्व में चल रही जांचों को भी केडीए अफसरों ने दबा दिया है।

बिल्डरों व माफिया से साठगांठ से होता खेल

केडीए में सक्रिय गिरोह बिल्डरों और माफिया से साठगांठ करके जमीनों का खेल खेलता है। इसमें खाली भूखंडों को औने-पौने दामों में खरीदकर बेचा जाता है। कागजों में जमीन गायब करा दी जाती है। इसी तरह से केडीए में कई फाइलें गायब चल रही हैं। इसको लेकर सिर्फ रिपोर्ट कराकर इतिश्री कर ली जाती है। कहा जा रहा है कि केडीए के चर्चित बाबू बड़े-बड़े खेल खेल रहे हैं।

सहायक अभियंता के निलंबन को शासन का इंतजार

किसी भी सरकारी अफसर व कर्मचारी के जेल जाने के बाद उसे 24 घंटे बाद खुद ब खुद निलंबित मान लिया जाता है। केडीए के जोन एक प्रवर्तन में तैनात सहायक अभियंता राजीव गौतम की गिरफ्तारी के पांच दिन बीतने के बावजूद उनका अभी तक निलंबन नहीं हो सका है। केडीए अफसरों की ओर से शासन को रिपोर्ट भेजने के बावजूद वहां से कोई निर्देश नहीं आया है। इसका इंतजार केडीए अफसर कर रहे है।

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