Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

भीड़तंत्र की हिंसा पर लोकसभा में हंगामा, प्रश्‍नकाल स्‍थगित करने की मांग

भीड़तंत्र की हिंसा पर लोकसभा में हंगामा, प्रश्‍नकाल स्‍थगित करने की मांग
X

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई है। हंगामे के बीच लोकसभा में प्रश्‍नकाल की शुरुआत हुई। लोकसभा में भीड़तंत्र की हिंसा यानि मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर विपक्ष हंगामा कर रहा है। प्रश्‍नकाल स्‍थगित करने की मांग की जा रही है। मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में अहम मुद्दों पर सार्थक बहस होना जरूरी है। हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। 22 दिन चलने वाले इस सत्र में सरकार का इरादा 18 विधेयक पेश करने का है।

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'देखिए, देश के कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनपर बहस होनी बेहद जरूरी है, इन मुद्दे पर जितनी चर्चा होगी उतना ही देश को फायदा होगा। मैं आशा करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के महत्वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाने में करेंगे। सत्र के दौरान कोई भी सदस्‍य, पार्टी किसी भी मुद्दे को बहस के लिए उठा सकती है।' इस दौरान पीएम मोदी ने देश के कई राज्‍यों में बाढ़ के हालात पर भी चिंता व्‍यक्‍त की।

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना थी। इसका अंदाजा एक दिन पहले ही तब लग गया, जब कांग्रेस एलान किया कि वो सरकार के खिलाफ आविश्‍वास प्रस्‍ताव लाएगी। इधर भीड़ की हिंसा यानि मॉब लिंचिंग मामले पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद जेपी यादव ने भी स्‍थगन प्रस्‍ताव का नोटिस दे दिया है। इधर सीपीआई सांसद डी राजा ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं और स्वामी अग्निवेश पर हमले को लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया।

बुधवार से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र राजनीतिक सरगर्मियों के अतिरिक्त कामकाज के लिहाज से भी अहम रहने वाला है। 22 दिन चलने वाले इस सत्र में सरकार का इरादा 18 विधेयक पेश करने का है। इन विधेयकों में गैर-कानूनी डिपॉजिट स्कीमों पर लगाम लगाने से लेकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए टर्नओवर के लिहाज से परिभाषा में बदलाव करने वाले विधेयक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सरकार उन विधेयकों को भी मानसून सत्र में लाने का रास्ता निकालने की तैयारी में है जिन्हें लोकसभा में तो पेश किया जा चुका है, लेकिन अभी तक विभिन्न विभागों से संबंधित संसद की स्थायी समितियों के पास विचारार्थ नहीं भेजा जा सका है।

सरकार की कोशिश है कि इन विधेयकों पर भी इसी सत्र में चर्चा कराकर इन्हें पारित करा लिया जाए। इनमें उपभोक्ता संरक्षण कानून, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ओफेंडर्स बिल शामिल हैं। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ओफेंडर्स कानून को सरकार अध्यादेश के जरिए लागू कर चुकी है। अब इन्हें इस सत्र में पारित कराना सरकार की प्राथमिकता पर रहेगा।

Next Story
Share it