मनमाफिक स्कूलों में तैनाती को लेकर शिक्षिकाओं ने किया प्रदर्शन

उनका कहना था कि महिला शिक्षकों और दिव्यांगों को जानबूझ कर दूरदराज का विद्यालय आवंटित किया गया है। काउंसिलिंग से मात्र 20 मिनट पहले रिक्त विद्यालयों की सूची जारी की गई, जिससे उन्हें विद्यालयों की दूरी और दिशा की सही जानकारी नहीं मिल पाई। वर्तमान में सभी ब्लाकों में शहर के पास अच्छी संख्या में रिक्त विद्यालय होने के बावजूद भी काउंसिलिंग में केवल उन्हीं विद्यालयों को सूची दी गई जो 20 से 40 किलोमीटर दूर हैं। बीएसए जय सिंह का दावा है कि 80 फीसदी शिक्षिकाओं ने आवंटन स्वीकार कर लिया है, जबकि शेष को तीन दिन का नोटिस दिया गया है।
शिक्षिकाओं ने कहा, हमें भ्रमित करने के उद्देश्य से विद्यालयों की सूची ब्लॉकवार न देकर मिश्रित रूप में दी गई, जिससे विकल्प चुनने में समस्या हुई। उन विद्यालयों की सूची जारी ही नहीं हुई जहां विज्ञान और गणित के शिक्षकों के पद अधिक रिक्त हैं। इसकी वजह से एक विद्यालय में एक विषय के अधिक शिक्षक हो गए हैं। उन्होंने मांग की है कि सभी विद्यालयों की रिक्तियों को दर्शाया जाए।
शिक्षिकाओं के आरोपों को बीएसए जय सिंह ने पहले ही खारिज कर दिया है। इसके बाद शिक्षिकाएं जिलाधिकारी के यहां पहुंची। डीएम ने उनसे कहा कि पहले वह कार्यभार ग्रहण करें। इसके बाद शिक्षिकाएं वापस फिर बीएसए कार्यालय पहुंची। उसमें से कुछ ने आवंटन पत्र ले लिया। अभी कई शिक्षिकाओं ने आवंटन पत्र नहीं लिया है। अतंर जनरपदीय स्थानांतरण के तहत 363 शिक्षक-शिक्षिकाएं जिले में आए हैं। इसमें 303 महिलाएं है। अधिकतर चाहती हैं कि शहर के पास के स्कूल में तैनाती हो जाए।