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उत्तर प्रदेश

देश में आज भी अघोषित आपातकाल का दौर चल रहा है

देश में आज भी अघोषित आपातकाल का दौर चल रहा है
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लखनऊ : सपा के मुख्य प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने सोमवार को कहा कि आज ही के दिन 1975 में 43 वर्ष पहले देश में आपातकाल लगा था. जिसमें नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन हुआ था. आपातकाल लगते ही विपक्ष के नेताओं को कैद कर लिया गया था. अखबारों पर भी सेंसरशिप लगा दी गई. चारों ओर दहशत और आतंक का माहौल था. न अपील न वकील, न दलील. जेल में यातनाओं का दौर. आज भी उस दिन की याद कर मन में सिहरन उत्पन्न हो जाती है.

राजेंद्र चौधरी ने कहा कि देश में आज भी असंवैधानिक अघोषित आपातकाल का दौर चल रहा है. अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला हो रहा है. असहिष्णुता चरम पर है. लोकतांत्रिक व्यवस्था को केन्द्र और राज्य सरकारें कमजोर कर रही है. बीजेपी सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने में लगी है. ईमानदार पत्रकारों का जीवन असुरक्षित हो गया है. नौजवानों का भविष्य अंधकार के गर्त में ढकेला जा रहा है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष में जिनकी भागीदारी थी, उनको सम्मानित करने का काम समाजवादी सरकार ने ही किया है. अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को प्रतिमाह 15 हजार रूपए की पेंशन स्वीकृत कर उनके सम्मानपूर्ण जीवन निर्वहन का काम किया. उनको राजकीय वाहनों में यात्रा करने, अपने साथ एक सहयोगी को भी रखने, निःशुल्क चिकित्सा के अलावा मरणोपरांत राजकीय सम्मान दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है. समाजवादी पार्टी अपने जन्म से ही अन्याय के विरूद्ध संघर्षरत रही है. लोकतंत्र, समाजवाद और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी वह प्रतिबद्ध है.

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