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फिरोजाबादः MLC और जिलाध्यक्ष ने हरिओम को पार्टी से निकाले जाने को लेकर अखिलेश यादव को लिखा पत्र
BY Anonymous31 May 2018 11:11 AM GMT

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Anonymous31 May 2018 11:11 AM GMT
फिरोजाबादः समाजवादी पार्टी में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी की जिला अध्यक्ष सुमन देवी सविता और एमएलसी दिलीप यादव ने पार्टी के सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव को ही पार्टी से बाहर करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
पार्टी के सिरसागंज से विधायक और मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव ने पार्टी के बिखराव के लिए प्रोफेसर रामगोपाल यादव को जिम्मेदार बताया था। उनका कहना था कि शीर्ष नेतृत्व इस बारे में जांच करें कि किस तरह रामगोपाल पार्टी को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं। गुरुवार को एमएलसी दिलीप यादव एमएलसी तथा सपा के जिलाध्यक्ष सुमन देवी ने एक प्रेस वार्ता कर हरिओम यादव को पार्टी से बाहर करने की मांग की।
उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा कि हरिओम यादव के बयान से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
जिलाध्यक्ष ने बताया कि बीजेपी के पूर्व मंत्री जयवीर सिंह से हरिओम यादव के निकट संबंध है। एमएलसी ने कहा कि हरिओम यादव ने यादवों को अपमानित कर कॉपरेटिव बैंक में बड़े पद पर जयवीर सिंह को जीत हासिल कराई है। गुरु शिष्य के संबंध पूर्व मंत्री से ही निभाई हैं। यहां तक कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं को धोखे में रखा।
जिला पंचायत सदस्यों को बीजेपी के अमोल यादव को बेचने का काम किया।
हरिओम यादव जनपद की राजनीति में यादव विरोधी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं, जिसमें सुल्तान सिंह यादव की कॉपरेटिव से सदस्यता समाप्त करना तथा उन्हें अपमानित करना भी है।
दिलीप यादव ने आरोप लगाया कि हरिओम यादव ने सपा प्रत्याशी लाखन सिंह को हराया। नगला लेखराज में ट्रिपल मर्डर कराया। पुंनछा के प्रधान के ऊपर जानलेवा हमला कराया। भंडारी में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी के ऊपर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कराया। उनके पुत्र विजय प्रसाद द्वारा डाहिनी के राकेश यादव को अपमानित किया गया।
राजनीतिक दृष्टि से इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। मुख्य कारण है कि हरिओम यादव मैनपुरी के सांसद तेजवीर उर्फ तेजू के मामा है तथा मुलायम सिंह के समधी हैं। आखिर सैफई परिवार की पारिवारिक कलह इस तरह सड़कों पर खुलकर आ जाएगी इसका अंदेशा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नहीं था।
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