पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी दो धड़ों में बंटी
BY Suryakant Pathak24 Oct 2016 2:20 AM GMT
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Suryakant Pathak24 Oct 2016 2:20 AM GMT
सपा में उठापटक का पूर्वांचल की राजनीति पर दूरगामी असर पड़ेगा। कारण, बर्खास्त चार मंत्रियों में शिवपाल यादव को छोड़कर बाकी तीनों मंत्री पूर्वांचल के हैं। गाजीपुर के ओमप्रकाश सिंह और शादाब फातिमा और बलिया के नारद राय की बर्खास्तगी के बाद यहां पर पार्टी संगठन खुले तौर पर शिवपाल और अखिलेश गुट में बंट गया है। पुराने नेता जहां मुलायम-शिवपाल के साथ हैं, वहीं नई पीढ़ी अखिलेश को अपना नेता मान रही है। इसे लेकर पूर्वांचल में जल्दी ही नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे। दोनों गुटों की यह लड़ाई सड़कों पर भी आ सकती है।
गाजीपुर में जमानियां के विधायक पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह और जहूराबाद की विधायक और महिला कल्याण राज्यमंत्री शादाबा फातिमा की रविवार सुबह बर्खास्तगी से जिले के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सन्न हैं। वैसे इस विवाद में कोई भी नेता कुछ बोलना नहीं चाह रहा है। दोनों मंत्रियों का फोन भी सुबह से ही पहुंच से बाहर है। सपा में यह घमासान कौमी एकता दल के विलय से शुरू हुआ जिसके कर्ता-धर्ताओं में दो नेता अफजाल अंसारी और सिगबतुल्लाह अंसारी जिले के ही हैं।
जिले के युवा नेताओं को मुख्यमंत्री का समर्थक माना जा रहा है लेकिन अखिलेश समर्थक विधायक एवं पार्टी पदाधिकारी अभी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। अंसारी बंधुओं के समर्थकों को भी बड़ा झटका लगा है। वे नवंबर के पहले हफ्ते में मुहम्मदाबाद में होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन में शिवपाल यादव को बुलाने की तैयारी में जुटे थे।
पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं में चर्चाओं का बाजार गर्म है
उधर, बलिया सदर विधायक तथा विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री नारद राय को बर्खास्तगी से पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं में चर्चाओं का बाजार गर्म है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार बलिया में शिवपाल गुट का पलड़ा पूर्व में भारी था लेकिन पिछले कुछ समय में जिस तरह से अखिलेश यादव की छवि पार्टी में बनी है, उससे जनपद में भी उनके समर्थकों की तादाद में इजाफा हुआ है। लोग खुले मंच से मुख्यमंत्री की तारीफ के कसीदे पढ़ रहे हैं।
युवा विधायकों और कार्यकर्ताओं की संख्या उनके साथ ज्यादा है। ऐसे में मुख्यमंत्री और शिवपाल खेमों में कौन किधर जाएगा, यह अभी बहुत स्पष्ट नहीं है। सपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व पार्टी की प्रबुद्ध सभा के प्रदेश सचिव श्रीप्रकाश पांडेय मुन्ना का कहना है कि पार्टी में घमासान के बावजूद प्रदेश का नौजवान सीएम अखिलेश यादव के साथ खड़ा है और उनके हर निर्णय का स्वागत करता है।
वहीं सीएम ने रविवार को हुई बैठक में वाराणसी की सेवापुरी सीट से विधायक और पूर्वांचल के एक अन्य प्रमुख मंत्री लोक निर्माण एवं सिंचाई राज्य मंत्री सुरेंद्र पटेल नहीं जा पाए थे। पटेल ने बताया कि मुझे वाराणसी में एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होना था। मैं सोमवार को लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों से मिलूंगा। उधर, लखनऊ में मौजूद वाराणसी सपा जिलाध्यक्ष सतीश फौजी का कहना है कि पार्टी अनुशासित है। वह टूटेगी नहीं। कुछ लोग पार्टी को कमजोर करने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन वे अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे।
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