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उत्तर प्रदेश

चीनी माल के बहिष्कार का बाजार पर दिख रहा है असर, Made in China नहीं खरीद रहे लोग

चीनी माल के बहिष्कार का बाजार पर दिख रहा है असर, Made in China नहीं खरीद रहे लोग
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अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बसे उत्तर बंगाल में हर गली मुहल्ले में चाइना का सामान सहजता से मिलना आम बात है। यहां से चाइनीज सामग्री दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, भूटान, असम और पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश धड़ल्ले से जाती है। यहां सौ से अधिक चायना से आयात निर्यात करने वाले लाइसेंसी व्यापारी है। शहर के कई मार्केट तो सिर्फ चाइनीज सामानों के लिए ही जाने जाते हैं। दीपावली पर यहां 300 करोड़ रुपए का कारोबार होना आम बात माना जाता है। सस्ता होने के कारण बाजार में घुसपैठ बना चुके चाइनीज उत्पादों को लोग नकारने का मन बना चुके हैं। उपभोक्ताओं का मेड इन इंडिया के प्रति लगाव बना रहा तो दीपावली पर चीनी उत्पादों के बाजार को बड़ा झटका लगना तय है। इन दिनों सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बदली हुई परिस्थितियों में चीन के पाकिस्तान के प्रति समर्थन से गुस्साए देशवासियों द्वारा मेड इन चाइना के बहिष्कार की मुहिम रंग ला रही है।

उत्तर बंगाल में व्यापारियों के मुताबिक इस दीपावली 80 करोड़ से अधिक के चाइनीज उत्पादों की बिक्री प्रभावित होने का अनुमान है। हांगकांग मार्केट में दीपावली पर बिकने वाले चाइनीज उत्पाद, जिनमें मुख्य रूप से सजावटी झालर, एलईडी लाइटें, प्रतिबंधित पटाखे, गणोश व लक्ष्मी की मूर्तियां, कपड़े, खिलौने, करवाचौथ और धनतेरस पर बिकने वाले बर्तनों समेत विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बाजारों में पड़े हैं। कई दुकानदारों का कहना है कि दीपावली का सामान थोक व्यापारियों के गोदामों में ठसाठस भरा हुआ है।

व्यापारियों का कहना है कि इस दीपावली पर दिवालिया होना तय है। कई व्यापारियों ने खुलकर कहा कि मुनाफा कमाना तो दूर की बात है, इस बार फंसी हुई रकम निकल आए तो गनीमत है। जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी वैसे ही चीनी उत्पादों की बिक्री पूरी तरह से बंद हो जाएगी। विश्व हिंदू परिषद, स्वदेशी जागरण मंच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी कई अन्य शाखाओं द्वारा 15 दिनों तक लगातार शहर से गांव स्तर पर चाइनीज उत्पादों का व्यापार और खुद उपयोग न करने की मुहिम चलाकर व्यापारियों से इसका पुरजोर विरोध करने की अपील करेंगे। इसके लिए पूरा एजंडा भी तैयार कर लिया है। एक व्यापारी ने बताया कि सामान इस बार ला चुके हैं वह तो धीरे-धीरे निकल जाएगा, लेकिन इसके बाद वह लोग चीनी उत्पादों का व्यापार न करने का संकल्प खुद लेंगे और दूसरे को भी संकल्प दिलाएंगे।

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