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उत्तर प्रदेश

उदय प्रताप सिंह के भंडारा कार्यक्रम पर रोक को तुगलकी फरमान बताया विहिप ने

उदय प्रताप सिंह के भंडारा कार्यक्रम पर रोक को तुगलकी फरमान बताया विहिप ने
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प्रतापगढ़ के बाहुबली नेता राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को उनके महल में नजरबन्द कर दिया गया है। विश्व हिन्दू परिषद ने सरकार के इस फरमान को तुगलकी बताया और कहा है कि इससे सपा के एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण का घटिया नजरिया सामने आ जाता है।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक बात है कि एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए हमारी सरकारें बहुमत की इस तरह उपेक्षा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला या अकेला मामला नहीं है। जहां सपा सरकार ने हिन्दू जनमानस को अपमानित करने का प्रयास किया हो। इसके पहले भी मूर्ति विसर्जन के समय सरकार ने हिंदुओं की भावनाओं को तोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि इससे इन लोगों की सोच का पर्दाफाश हो गया है।
भंडारा विवाद पर प्रतापगढ़ एसपी ने सफाई दी है। पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा कि राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह कानून तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। वे अपने समर्थकों के साथ ताजिए वाले रास्ते में पूजा करने के लिए जा रहे थे, इससे धारा 144 का उल्लंघन होता। इसलिए उन्हें पुलिस ने उनके ही महल में नजरबंद कर लिया है। साथ ही कहीं जाने-आने नहीं पर मनाही है।

अभी कुछ ही दिन पूर्व ममता बनर्जी सरकार को हाई कोर्ट ने इसी तरह के आदेश को रद्द करने का आदेश दिया गया था। अदालत ने अपने फैसले में यहां तक कहा कि अल्पसंख्यकों को सन्तुष्ट करने के लिए बहुसंख्यकों के हितों की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। सरकारों को यह समझना चाहिए कि धर्म आधारित इस तरह के निर्णयों का दूरगामी नकारात्मक असर पड़ेगा। बावजूद इसके एक के बाद दूसरी अनेक सरकारें इस तरह के आदेश जारी करती रहती हैं।

राजघराने में एक मन्दिर पर प्रतिवर्ष भंडारा करने की प्रथा है। इस वर्ष भण्डारे के दिन पर ही मुहर्रम आ जाने के कारण उसी स्थल से ताजिया भी निकलना था। किसी सम्भावित तनाव को रोकने के लिए भण्डारे पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जिसे राजा भैया के राज घराने ने मना कर दिया था। राजा भैया के पिता अपने पिता के समय से चली आ रही इस प्रथा को रोकने को तैयार नहीं थे।
प्रशासन ने भंडारा कार्यक्रम रोकने के लिए राजा भैया के पिता को उनके महल में कैद कर दिया और उनके महल से बाहर निकलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया। इससे स्थानीय माहौल में तनाव व्याप्त हो गया है।
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