राजा उदय प्रताप को महल में नजरबंद कर निकलवाया मुहर्रम का जुलूस
BY Suryakant Pathak12 Oct 2016 10:39 AM GMT
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Suryakant Pathak12 Oct 2016 10:39 AM GMT
प्रतापगढ़ : कुंडा राजघराने की परंपरा के लिए हाईकोर्ट से रोक बावजूद भंडारा कराने पर अड़े राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को भदरी राजमहल में नजरबंद कर दिया गया है। दो प्लाटून पीएसी और भारी पुलिस बल समेत अफसर राजमहल के गेट के सामने मुस्तैद हैं। भंडारा स्थल से आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। प्रशासन ने भंडारे की अनुमति नहीं दी थी। शांति व्यवस्था को लेकर सूबे के काबीना मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह के भदरी महल के बाहर पुलिस पहले से तैनात थी। चूंकि उदय प्रताप सिंह के संरक्षण में भंडारा आयोजित होता रहा है। अतः उन्हों नजर बंद कर दिया गया। पुलिस ने छह अन्य लोगों को उनके घर में नजरबंद किया है। इसके बाद शांतिपूर्ण ढंग से मुहर्रम का जुलुस निकला गया। प्रशासन् ने राहत की साँस ली। दरअसल, कुंडा इलाके के शेखपुर आशिक में हनुमान मंदिर पर महाराज उदय प्रताप सिंह हर साल मुहर्रम के दिन ताजिये के रास्ते में हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर भण्डारा करते रहे हैं। इस बार मुस्लिम संगठन हाईकोर्ट चले गए थे। हाई कोर्ट ने भंडारे पर रोक लगा दी थी। दूसरी ओर महाराज भंडारे पर अड़े हुए थे। उनका कहना था कि राज परिवार की परम्परा है। इसे टूटने नही देंगे। जिला प्रशासन के अनुरोध के बाद भी महाराज ने हनुमान मन्दिर पर हलवाई लगा दिया था। आज जिला प्रशासन ने महाराज को घर में नजर बन्द कर दिया। इसके बाद ताजिये का जुलुस निकला गया।
कुंडा राजघराने की परंपरा से जुड़े भंडारे को लेकर बवाल हो सकता है। हाईकोर्ट से रोक लगने के बाद भी राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह जिद पर उतर आये हैं। उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि वह राजघराने की प्रथा को नहीं टूटने देंगे। मुहर्रम के दिन भंडारे का आयोजन होगा। राजा भैया के पिता ने हलवाई बैठा दिया है और वहां पर भंडारे के लिए प्रसाद बनने लगा है। जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे है और मौके पर भारी संख्या में पुलिस, पीएससी व आरपीएफ के जवानों को भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राजा भैया के दादा महराज बजरंग बहादुर सिंह ने भंडारे की परंपरा को शुरू की थी। उनके बाद राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह राजघराने की परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो राजा भैया ने पिता से वहां पर भंडारा नहीं कराने की सलाह दी है लेकिन वह नहीं माने है और उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि राजघराने की परंपरा को वह नहीं टूटने देंगे और मोहर्रम के दिन भंडारे का आयोजन होगा।
जहां पर भंडारे का आयोजन होता है वही से मोहर्रम का जुलूस निकलता है। मुस्लिम समाज के लोग काफी पहले से यहां पर भंडारे का विरोध कर रहे है और स्थानीय लोगों का दावा है कि आजम खा ने भी भंडारे पर रोक लगाने की काफी पैरवी की थी। जिला प्रशासन के पास इतना साहस कभी नहीं था कि वहां पर होने वाले भंडारे को रोका जाये। मुस्लिम समाज में उक्त प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट के निर्देश पर ही वहां पर होने वाले भंडारे पर रोक लगायी गयी है।
प्रसादभंडारे के लिए हलवाई लगाये गये हैं और वहां पर प्रसाद तक बनने लगा है। उदय प्रताप सिंह ने पहले ही कह दिया था कि वह रोक नहीं मानेंगे और परिवार की परम्परा को आगे भी चलायेंगे। उन्हीं के निर्देश पर भंडारे की सारी तैयारी शुरू हो गयी है और दावा किया जा रहा है कि राज भर में प्रसाद बन कर तैयार हो जायेगा।मुहर्रम के ताजिया जुलूस में करंट लगने से दो की मौत, 13 झुलसे
भंडारे को कैसे रोकेगा प्रशासन
भंडारे को लेकर पुलिस प्रशासन को होश उड़ गये हैं। एक तरफ तो हाईकोर्ट का आदेश है तो दूसरी तरफ राजा भैया के क्षेत्र में राजघराने की परम्परा पर हस्तक्षेप करना बहुत कठिन है। यदि मोहर्रम के दिन भंडारे का आयोजन होता है तो वहां की स्थिति बिगड़ सकती है। पिछले साल ही माहौल खराब हो गया था लेकिन राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया था इस बार की स्थिति और खराब है। भंडारे पर सबकी नजर है देखना है कि जीत किसकी होती है पुलिस या फिर उदय प्रताप सिंह की।
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