मुरादाबाद में धारा 144 लगे होने के बावजूद भी VHP कार्यकर्ताओं ने की फायरिंग!

यूपी: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कटघर थाना इलाके में शस्त्र पूजा के नाम पर फायरिंग करने वाले बजरंग दल और विहिप नेताओं के घर पर दबिश देकर पुलिस ने दो नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है और उनकी निशान देही पर हथियार भी बरामद किये गए हैं. आरोपी नेताओं के घरों पर पुलिस की तीन टीमें अभी भी छापेमारी कर रही हैं. सीओ कटघर महेश कुमार ने बताया की कार्यक्रम का आयोजन करने वालों और फायरिंग करने वालों के खिलाफ दो मुक़दमे दर्ज किये गए हैं. जिसमे चार लोग नामज़द हैं और बाकि अज्ञात हैं. नामज़द आरोपियों में से दो की गिरफ़्तारी हो गयी है और बाकि की तलाश जारी है. इनके खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन, 30 आर्म्स एक्ट, 7 सी एल एक्ट और धारा 34 आई पी सी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जल्द ही और भी गिरफ्तारियां की जाएंगी आरोपियों के असलोह का लाइसेंस भी निरस्त किया जायेगा.
मुरादाबाद में धारा 144 लगे होने के बावजूद की फायरिंग
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आज सुबह सुबह विहिप और बजरंग दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजा के नाम पर एक पार्क में जमकर हथियारों से फायरिंग की. हालांकि मुरादाबाद में धारा 144 लगी हुई है. लेकिन इसके बावजूद भी लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी हथियारों का जमकर इस्तेमाल किया गया और कानून की धज्जियां उड़ाई गई. बजरंग दल गोविन्द नगर प्रखंड के द्वारा शस्त्र पूजन का कार्यक्रम संकट मोचन पार्क में आयोजित हुआ जिसमे शस्त्र पूजा के नाम पर ये सब कुछ हुआ. पूजा के बाद अचानक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हवाई फायरिंग करनी शुरू कर दी. इस दौरान बंदूकों रायफलों और पिस्टल से कई राउंड फायरिंग की गई. ताबड़तोड़ कई राउंड फायरिंग से आस पास के लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया. हैरानी की बात ये है कि खौफ और दहशत का ये पूरा खेल कटघर थाने के ठीक पीछे खेला गया. लेकिन कटघर थाना पुलिस ने मौके पर जाने की जहमत तक नहीं उठाई. मौके पर पूजा के नाम पर फायरिंग और दहशत का खेल काफी देर तक जारी रहा.
संघ की स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आज संघ कार्यकर्ताओं ने विजयादशमी उत्सव मनाया. इस दौरान संघ कार्यकर्ताओं ने हथियारों की पूजा और उनका प्रदर्शन किया. मुख्य वक्ता और मुरादाबाद महानगर संघ शारीरिक प्रमुख सुभाष शर्मा ने कहा कि इस समय समाज में संस्कार का युद्ध चल रहा है और इस पुनीत कार्य में संघ के स्वयमसेवक लगे हैं. अगर प्रयाप्त शस्त्र नहीं होंगे तो कोई भी आपको चट कर जाएगा. शक्ति शस्त्र के कारण हुए सर्जिकल अटैक के बाद ही पाक चुप है. देश में प्रत्येक दिन उत्सव है. संघ 6 उत्सव प्रमुख रूप से मनाता है. उन्होंने बताया कि संघ का स्थापना दिवस 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में मोहिते के बाड़ा नमक स्थान पर संघ संस्थापक डा० हेडगेवार द्वारा की गई. 91 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुख्य वक्ता श्री सुभाष शर्मा ने कहा कि भगवान श्री राम द्वारा आसुरी शक्ति पर विजय प्राप्त करने पर इस दिन को पूरे देश में उत्सव के रूप में मनाया जाता है. लेकिन एक बात ध्यान देने वाली है की श्री राम ने अयोध्या से कोई सेना-सहायता नहीं मंगवाई और समाज सज्जन शक्ति को साथ लेकर रावण के साथ युद्ध किया और विजय पाई. कलियुग में सज्जन शक्तियों का संगठन ही देवत्व है. आवश्यक नहीं कि भगवान किसी राज परिवार में अवतार लेंगे वह आप जैसे हिन्दुत्व के सरंक्षक के रूप में भी जन्म ले सकते हैं. शस्त्र पूजा अर्थ किसी को भयभीत करना नहीं है.
आरएसएस द्वारा भी सज्जन शक्ति को जोड़ कर भारत को स्वावलम्बी, सम्पन्न, स्वाभिमानी, शक्तिशाली, संस्कारित राष्ट्र बनाने का कार्य कर रहा है. इस समय समाज में संस्कार का युद्ध चल रहा है और इस पुनीत कार्य में संघ के स्वयमसेवक लगे हैं. इस दौरान संघ नेताओं ने बन्दूक, तलवार , तबल , कटार, चाकू और लाठी डंडों को इकठ्ठा कर उनकी सामूहिक रूप में पूजा की और इनके चलाने का भी प्रदर्शन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संघचालक श्री मोहन प्रकाश अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन विवेक गुप्ता ने किया.
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन, ब्रिजेश सिंह, सौरभ सिंह, वीरेन्द्र कत्याल, नवदीप टंडन, कुलदीप तिवारी, आशाराम, हरीश नारंग, प्रीतम जी, आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम का आयोजन मुरादाबाद के खुशहाल पुर में गीता पुरम पार्क में किया गया. कार्यक्रम की जानकारी संघ के विभाग प्रचार प्रमुख पवन कुमार जैन ने दी.
जब हमने मुरादाबाद के जिला अधिकारी ज़ुहैर बिन सगीर से पूछा की क्या किसी गैर सरकारी संगठन द्वारा इस तरह हथियारों को सामूहिक रूप से इकट्टा कर उनका प्रदर्शन करना जायज़ है या ये गैर कानूनी है तो उन्होंने कहा की इसकी जांच ज़रूरी है और वो इस मामले की जांच के लिए अभी एसएसपी मुरादाबाद से बात करेंगे. सवाल ये की आखिर संघ के लोगों को हथियारों की ज़रूरत क्यूं पड़ी है और क्या कानून इसकी इजाज़त देता है ?