शहीद सैनिक के परिवार ने की 'ऑपरेशन जिंजर' की तारीफ, बोले- 'बदला लेकर अच्छा किया'
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 5 साल पहले जिस सैनिक का सिर काटकर पाकिस्तानी सैनिक ले गए थे उसके परिवार ने ऑपरेशन जिंजर की तारीफ की है. पिथौरागढ़ में रहने वाले शहीद जयपाल सिंह की पत्नी बीना ने कहा है कि बदला लेकर अच्छा किया.
शहीद जय़पाल सिंह की कहानी
देश के लिए शहीद होने वाले जवान के परिवार के बाद दो एहसास रह जाते हैं. एक तो शहादत के गर्व से ऊंचा सिर और दूसरा 24 कैरेट गोल्ड प्लेटेड बैज ऑफ सेकरीफायस यानी कुर्बानी का प्रतीक.
हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी के इस घर में रहने वाले लोगों ने भी इसी एहसास के साथ जीना सीख लिया है.
पिछले 5 साल में कितने आंसू बहा लिए लेकिन जिंदगी रूकी नहीं. पति की शहादत की कहानी दुनिया को दिखाने के लिए टीवी वाले घर आए तो शहीद की पत्नी बीना अधिकारी के चेहरे पर कुछ वक्त के लिए ही सही, मुस्कान आ गई.
कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार थे शहीद जयपाल सिंह
ऑपरेशन जिंजर यानी 2011 को पाकिस्तान से लिए गए बदले की खबर कल से हेडलाइन बनी तो उन जवानों की शहादत याद करने का फिर से मौका मिला. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 30 जुलाई 2011 को जिन दो भारतीय सैनिकों का सिर पाकिस्तानी काटकर ले गए थे कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी उन्हीं दो भारतीय शहीदों में थे.
जयपाल सिंह अधिकारी का परिवार उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में रहता है. जयपाल की पत्नी बीना को अफसोस है कि वो अपने शहीद पति का चेहरा भी आखिरी बार देख नहीं पाईं. सिर तो मिला था लेकिन ऐसी हालत में था कि परिवार को दिखाना सेना ने उचित नहीं समझा था.
बेटे को किया देश की रक्षा के लिए तैयार
बीना अधिकारी किसी वीरांगना से कम नहीं. देश के लिए पति को कुर्बान किया लेकिन कुर्बानी से डरी नहीं. अपने बेटे को भी उन्होंने देश की रक्षा के लिए तैयार किया है. कर्नाटक के बेलगाम के आर्मी स्कूल में बेटे का एडमिशन इसीलिए कराया है कि बेटा बड़ा होकर पिता की तरह फौजी बन सके.
बीना अधिकारी को सिस्टम से शिकायत है. नेताओं से शिकायत है लेकिन ये जान उन्हें खुशी हुई कि उनकी पति की शहादत का बदला सेना ने 2011 में ले लिया था जिसकी खबर अब उन्हें मिली.