एक के बाद एक लोग गिरते रहे और मायावती का भाषण जारी रहा
आज लखनऊ में पार्टी के संस्थापक कांशीराम की दसवीं पुण्य तिथि रैली के जरिए मनाई। जनसभा मान्यवर कांशीराम स्थल पर जुटी। मायावती के आने के समय ही रैली स्थल पर भगदड़ मची और लोग एक के बाद एक एक दूसरे पर गिरकर जख्मी होते गए। कुछ मौत के मुंह में चले गए लेकिन इसी दौरान शुरू हुआ मायावती का संबोधन जारी रहा। मायावती ने सबसे पहले बड़े जनसमुदाय का अभिवादन किया और फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। भाजपा पर मुसलमानों को डराने, कांग्रेस-सपा को उत्तर प्रदेश को लगातार पीछे ढकेलने का आरोप लगाया। साथ ही अपनी पार्टी के कार्यों का जनता के सामने पेश किया। कांशीराम को श्रद्धासुमन, लाखों लोगों को रैली में आने के लिए आभार और बसपा को प्रदेश की सत्ता में वापस लाने के संकल्प केसाथ रैली खत्म हो गई। इस बीच भगदड़ से घायल लोगों को अस्पताल ले जाने काकाम जारी रहा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में बसपा रैली के बाद लखनऊ स्टेशन पर मची भगदड़ में 12 लोगों की जानें गईं थी और करीब 22 घायल हो गए थे। आज के घटनाक्रम को प्रत्यक्षदर्शियों ने जैसा अपनी आंखों से देखा जहां-तहां उसका वर्णन किया।
प्रत्यक्षदर्शी
- लाउडस्पीकर बाहर की तरफ मुंह करके लगवाए गए थे।
- लोगों को मायावती की आवाज नहीं सुनाई दे रही थी।
- सुनने के लिए लोग अचानक से गेट से बाहर जाने लगे।
- इसके बाद कांशीराम स्मारक गेट पर अफरातफरी मची।
- ऐसे में मुख्य गेट के पास से भीड़ बाहर जाने लगी।
- सुरक्षा जवान भीड़ को रोकने की कोशिश करने लगे
- कुछ लोगों ने भीड़ को अंदर रखने के लिए डंडा दिखाया
- इसके बाद कांशीराम स्मारक गेट पर भगदड़ मच गई।
- भगदड़ के बीच भीड़ को अंदर रोकने के प्रयास किए गए।
- कुछ लोगों ने गेट पर बिजली तार टूटने की अफवाह फैलाई।
- इसके चलते भीड़ काफी हद तक गेट के अंदर रुक गई।
- बुंदेलखंड की महिला बच्चे के साथ भगदड़ में दब गई।
- महिला-बच्चा बेसुध होने पर लोग हवा देकर होश में लाए।
- बेहोश लोगों को होश में लाना उनके अपने ही जुटे दिखे।
- कोई पानी पिलाता तो कोई पंखा झलता दिख रहा था।
- दो महिलाओं का दम निकला, 22 अस्पताल पहुंचे।
- इस दौरान मायावती का संबोधन पूर्ववत जारी रहा।