अखिलेश ब्रिगेड की आज धूम, मुख्यमंत्री आज तुरुप के कुछ पत्ताें का राजफाश कर सकते है

लखनऊ : समाजवादी परिवार की 'कलह' में संतुलन और प्रदेश की सत्ता में वापसी की जंग लड़ रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थन में रविवार को युवा ब्रिगेड फिर दम भरेगी मगर इस बार मौका सियासी नहीं, समाजवादी चिंतक जनेश्वर ट्रस्ट के शुभारंभ का होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री विपक्ष पर वार के लिए तुरुप के कुछ पत्ते भी खोल सकते हैं।
विकास व चुनावी अभियान में आधुनिक संचार साधनों, सोशल मीडिया के इस्तेमाल के पक्षधर अखिलेश ने सपा के प्रदेश कार्यालय से सटे भवन को जनेश्वर ट्रस्ट में तब्दील कराया है। जिसमें संचार की अत्याधुनिक सुविधाएं तो हैं ही जनेश्वर के संघर्ष की गाथा भी मौजूद है। समाजवादी परिवार के सत्ता संग्राम पर विराम के बाद पहला मौका होगा जब अखिलेश यादव समाजवादी ट्रस्ट के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भागीदारी करेंगे। हालांकि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ट्रस्ट के सदस्यों के अलावा कुछ खास लोगों को ही आमंत्रित किया गया है। अलबत्ता आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के मौजूद रहने की संभावना है।
अखिलेश ब्रिगेड होगी सर्वेसर्वा : जनेश्वर ट्रस्ट से संचालित होने वाली वैचारिक गतिविधियों की कमान टीम अखिलेश के पास ही रहेगी। इस टीम में युवा व संगठन में दक्ष बुजुर्गो का मिश्रण है। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, एमएलसी एसआरएस यादव संचालकों की भूमिका में होंगे। युवा ब्रिगेड भी यहीं से समाजवादी आंदोलन, समाजवाद के प्रचार-प्रसार का कार्य करेगी। सपा से निष्कासित चल रही युवा ब्रिगेड के कई सदस्यइस ट्रस्ट के मेंबर हैं। बतौर सदस्य रविवार की उनकी मौजूदगी भी संभव है। ऐसे में मुख्यमंत्री विपक्षियों पर वार के लिए अगर तुरुप के कुछ पत्ताें (ताश के खेल में इस्तेमाल होते हैं) का राजफाश करते हैं तो आश्चर्य नहीं होगा।