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उत्तर प्रदेश

9 अक्टूबर को जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के नए ऑफिस का उद्घाटन

9 अक्टूबर को जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के नए ऑफिस का उद्घाटन
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 9 अक्टूबर को जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के नए ऑफिस का उद्घाटन करेंगे. उनके लोग अब समाजवादी पार्टी के बदले इसी दफ्तर में बैठेंगे. मुलायम सिंह के घर में मचे घमासान के बाद अखिलेश पहले ही अपना घर बदल चुके है.


नवरात्र में अखिलेश यादव सब कुछ 'शुभ' कर लेने के मूड है. वैसे सरकार से लेकर समाजवादी पार्टी में सब कुछ 'अशुभ' ही तो हो रहा है. अखिलेश और उनके लोग इन दिनों निशाने पर हैं, वो भी अपनों के. नेताजी की हरी झंडी मिलने के बाद डॉन मुख्तार अंसारी और उनके भाई सायकिल पर सवार हो गए है. अखिलेश की एक नहीं चली. वे करें भी तो क्या. उनके कुछ लोग पार्टी बाहर कर दिए गए. और कुछ का टिकट भी कट गया. अखिलेश बस टुकुर टुकुर देखते रहे. उनके कुछ करीबी नेताओं के समाजवादी पार्टी ऑफिस में घुसने पर भी रोक लग गयी.

अखिलेश यादव ने अब अपने लोगों के लिए एक नया ठिकाना ढूंढ लिया है. जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट का दफ्तर ही टीम अखिलेश का अड्डा होगा. यूपी सरकार से 7 बंदरिया बाग़ का बंगला यूपी के सीएम ने ट्रस्ट के नाम करवा लिया है. अखिलेश यादव खुद इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और मंत्री राजेन्द्र चौधरी उपाध्यक्ष हैं. इन दोनों के अलावा समाजवादी पार्टी के सचिव और 24 सालों तक मुलायम के साथ रहे एसआरएस यादव का भी कमरा बनाया गया है. खबरों के मुताबिक इस नए ऑफिस में एक हेल्पलाईन भी बन रहा है. समाजवादी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता इसके जरिये सीधे अखिलेश यादव से जुड़ सकता है और अपनी बात कह सकता है.


टीम अखिलेश अब समाजवादी पार्टी ऑफिस नहीं जाएगी. पार्टी में मचे घमासान की बात अब बहुत बढ़ गयी है. मामला तो जैसे आर या फिर पर जैसा हो गया है. मुलायम के घर का झगड़ा अब सड़क पर है. चाचा और भतीजे की अनबन से समाजवादी पार्टी दो खेमों में बंट गई है. लखनऊ से लेकर गांव-गांव तक पार्टी के कार्यकर्ता अब या तो अखिलेशवादी हैं या फिर शिवपालवादी. समाजवादी तो अब कोई रहा ही नहीं.

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