प्रदेश में फरवरी में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव

केंद्रीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में अगले साल फरवरी में विधान सभा चुनाव करवाने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अभी कोई तारीख तय नहीं है लेकिन यूपी में जो भी तैयारियां चल रही हैं उनसे संभावना है कि चुनाव फरवरी में ही होंगे। अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव बोर्ड परीक्षाओं से पहले यानी फरवरी में ही कराने की तैयारियां की जा रही हैं और फरवरी को ही फिलहाल सबसे मुफीद माना जा रहा है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने गोवा, मणिपुर, उत्तराखण्ड, पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश में भी चुनाव तैयारियों की समीक्षा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त डा. नसीम जैदी की अगुवाई में आए चुनाव आयोग ने 25 से 27 सितंबर के बीच लखनऊ में पुलिस, प्रशासन के अफसरों से कई बैठकें कीं। सूत्रों का दावा है कि जो सूचनाएं सकंलित की गई हैं उसके मुताबिक, यूपी में फरवरी 2017 में विस चुनाव करवाने का खाका तैयार किया जा रहा है।
आयोग की कार्ययोजना के अनुसार फरवरी में पांच से सात चरणों में विस चुनाव करवा कर मार्च के पहले सप्ताह में मतगणना करवाये जाने का खाका तैयार हो रहा है। इसके लिए आयोग दिसम्बर में कभी भी अधिसूचना जारी कर सकता है।
बोर्ड परीक्षाएं और गेहूं कटाई हैं बड़ी वजह
दरअसल यूपी में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं भी मार्च के पहले हफ्ते के बाद शुरू कराने की संभावना बन रही है। ऐसा पिछले चुनाव में भी किया गया था। इससे बोर्ड परीक्षाओं में व्यावधान नहीं पड़ा था और चुनाव भी पहले हो गए थे। बोर्ड परीक्षा के बाद चुनाव अप्रेल या मई में कराने से जहां गर्मी की दिक्कत होती है, वहीं गेहूं और अन्य फसलों की कटाई भी अप्रैल-मई में होने के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लिहाजा फरवरी ही सबसे मुफीद महीना माना जा रहा है।
वर्ष 2012 के चुनाव पर ही आयोग सहज
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2012 में हुए विधान सभा चुनाव के कार्यक्रम के आधार पर ही आयोग इस बार भी विस चुनाव की समय सारिणी पर गम्भीरता से विचार कर रहा है। वर्ष 2012 में प्रदेश में सात चक्रों में विस चुनाव हुए थे। 8 मार्च को मतगणना हुई थी और 15 मार्च को प्रदेश में नई सरकार ने शपथ ग्रहण की थी।
इसी आधार पर इस बार भी दिसम्बर में अधिसूचना और चुनाव कार्यक्रम जारी करने की तैयारी है। अधिसूचना जारी होने के बाद पहले चक्र के लिए सात दिन नामांकन के लिए, आठवां दिन नामांकन की जांच के लिए, दसवां दिन नाम वापसी और फिर 14 दिन प्रचार के लिए दिए जाएंगे। 24वें या 25वें दिन मतदान करवाया जा सकता है। पांच से सात चक्रों में चुनाव करवाने के लिए हर चक्र में चार से पांच दिन का अंतराल दिया जाएगा।
यूं हुए थे 2012 में चुनाव
-24 दिसंबर को आयोग ने चुनाव की घोषणा की
-सात चरणों में 8,11,15,19,23 व 28 फरवरी और 3 मार्च को हुए चुनाव
-मतगणना 6 मार्च को हुई और मुख्यमंत्री ने 15 मार्च को शपथ ली।
-वर्ष 2012 में मार्च अप्रैल में हुई थीं बोर्ड परीक्षाएं