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कौमी एकता दल का सपा में विलय, अखिलेश-मुलायम की सहमति से हुआ फैसला: शिवपाल
BY Suryakant Pathak6 Oct 2016 3:04 PM GMT

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Suryakant Pathak6 Oct 2016 3:04 PM GMT
कौमी एकता दल का सपा में विलय हो चुका है, इस बात की मंजूरी नेताजी दे चुके हैं। जब राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजूरी दे चुके हैं फिर कैसा संदेह? ये बात शिवपाल यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी में सारे फैसले अखिलेश और नेताजी की सलाह पर ही लिए जा रहे हैं।
यूपी में विधानसभा चुनाव को देखते हुए दल बदलने का खेल जारी है। इसी क्रम में बुधवार को सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान और पूर्व मंत्री अब्दुल हन्नान सहित कई कई लोगों के सपा में शामिल होने की घोषणा की। अब्दुल मन्नान बसपा से निकाले गए हैं और हरदोई से विधायक रह चुके हैं।
इसके साथ ही शिवपाल यादव ने 81 सदस्यीय प्रदेश टीम घोषित कर दी है। इस टीम में मंत्री ओमप्रकाश सिंह सपा प्रदेश महामंत्री, पूर्व मंत्री किरन पाल सिंह सपा प्रदेश उपाध्यक्ष, रघुनंदन सिंह काका, विधायक उदय राज सचिव, श्रीपति सिंह और बख्तावर दोनों प्रदेश सचिव बने हैं। शिवपाल सिंह ने कहा कि कार्यकारिणी भी अखिलेश से सलाह लेकर बनाई गई है।
इस दौरान शिवपाल ने कहा कि पार्टी में सबकुछ अच्छा चल रहा है। कौमी एकता दल के विलय की घोषणा हो चुकी है। वहीं हत्यारोपी अमनमणि को टिकट देने पर उन्होंने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट आने के बाद ही फैसला होगा कि अमनमणि दोषी है या नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि अमनमणि की सास अभी हमसे नहीं मिली हैं जब मिलेंगी तो टिकट पर फिर से सोचा जाएगा।
इस दौरान शिवपाल ने कहा कि पार्टी में सबकुछ अच्छा चल रहा है। कौमी एकता दल के विलय की घोषणा हो चुकी है। वहीं हत्यारोपी अमनमणि को टिकट देने पर उन्होंने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट आने के बाद ही फैसला होगा कि अमनमणि दोषी है या नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि अमनमणि की सास अभी हमसे नहीं मिली हैं जब मिलेंगी तो टिकट पर फिर से सोचा जाएगा।
बता दें कि बीते 21 जून को डॉन मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के साथ सपा महासचिव शिवपाल यादव ने विलय की घोषणा की थी। शिवपाल ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये ऐलान किया था कि इस विलय से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
वहीं चाचा के इस फैसले से नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस फैसले का विरोध किया था। शिवपाल के इस्तीफा देने की धमकी को सपा सुप्रीमो ने बेहद गंभीरता से लिया। अखिलेश ने मुख्तार जैसे लोगों को पार्टी में लेने पर खिलाफत की थी। आखिरकार ये विलय रद्द कर दिया गया था।
अखिलेश ने पार्टी की बैठक में कहा था कि आपराधिक गतिविधियों वाले लोग सपा में शामिल करने से विकास का मुद्दा पीछे चला जाएगा। इस फैसले पर शिवपाल सिंह काफी दिनों तक नाराज रहे थे वहीं अफजाल अंसारी ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके सपा को खूब खरी-खोटी सुनाई थी और पूर्वांचल में औकात याद दिलाने की बात कही थी। इसके बाद बीते दिनों मुख्तार अंसारी ने कहा था कि कौमी एकता दल का सपा में विलय तो नहीं लेकिन गठबंधन संभव है।
वहीं चाचा के इस फैसले से नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस फैसले का विरोध किया था। शिवपाल के इस्तीफा देने की धमकी को सपा सुप्रीमो ने बेहद गंभीरता से लिया। अखिलेश ने मुख्तार जैसे लोगों को पार्टी में लेने पर खिलाफत की थी। आखिरकार ये विलय रद्द कर दिया गया था।
अखिलेश ने पार्टी की बैठक में कहा था कि आपराधिक गतिविधियों वाले लोग सपा में शामिल करने से विकास का मुद्दा पीछे चला जाएगा। इस फैसले पर शिवपाल सिंह काफी दिनों तक नाराज रहे थे वहीं अफजाल अंसारी ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके सपा को खूब खरी-खोटी सुनाई थी और पूर्वांचल में औकात याद दिलाने की बात कही थी। इसके बाद बीते दिनों मुख्तार अंसारी ने कहा था कि कौमी एकता दल का सपा में विलय तो नहीं लेकिन गठबंधन संभव है।
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