UPA शासन में सर्जिकल स्ट्राइक के कांग्रेस के दावों पर उठे सवाल, पूर्व DGMO ने कहा- पहली बार हुआ ऐसा
यूपीए शासन के दौरान किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस के दावों पर सवाल उठने लगे हैं। साल 2012 से 2014 तक भारतीय सेना के डीजीएमओ रहे ले. जनरल विनोद भाटिया ने कहा उरी हमले के बाद भारतीय सेना के मुंहतोड़ जवाब की तुलना उन ऑपरेशन्स से नहीं की जा सकती। पूर्व डीजीएमओ ने कहा, 'मैं इसकी राजनीति में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये अलग समय था, अलग ऑपरेशन्स थे, अलग स्तर से इन्हें प्लान किया गया था और अलग तरीके से अंजाम दिया गया था। ताजा सर्जिकल सर्जिकल स्ट्राइक बिल्कुल अलग है। इसके जरिए से हमें वह मिला, जो हम चाहते थे। इसका अलग-अलग असर हुआ। इसलिए इसको लेकर काफी राजनीति भी हो रही है। मुझे नहीं लगता कि सेना पर सवाल उठाए जाने चाहिएं। मुझे नहीं लगता कि यह सही है। भारतीय सेना के डीजीएमओ और सेना प्रमुख से इसको लेकर सवाल नहीं पूछे जाने चाहिएं।' पूर्व डीजीएमओ ले. जनरल विनोद भाटिया ने यह बात न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कही।
जब भारतीय सेना ने एलओसी पार कर पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करने की घोषणा की तो कुछ दिन बाद ही कांग्रेस ने कहा कि उनके शासन के दौरान भी ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक किए गए थे, लेकिन उन्होंने इसे कभी भी सार्वजनिक नहीं किया। कांग्रेस ने दावा किया कि उनके शासन के दौरान तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक किए गए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, 'हमें गर्व है कि हमारी सेना ने पहले भी इस तरह के सफल सर्जिकल स्ट्राइक किए हैं। ये स्ट्राइक एक सितंबर 2011, 28 जुलाई 2013 और 14 जनवरी 2014 को किए थे। लेकिन कांग्रेस ने परिपक्वता दिखाते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इसे कभी भी सार्वजनिक नहीं किया।
यूपीए शासन के दौरान किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पूर्व डीजीएमओ ले. जनरल विनोद भाटिया ने कहा, 'मैं एक सैनिक हूं और भारतीय सेना से जुड़ा रहा हूं। भारतीय सेना पूरी तरह से गैर राजनीतिक, कर्मठ और प्रोफेशनल सेना है। मैं अब आपको सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताता हूं। यह पहली बार हुआ है कि किसी आतंकी घटना का भारतीय सेना ने इतना कड़ा जवाब दिया है। पहले जो भी स्ट्राइक हुए, वे स्ट्राइक नहीं थे। वे केवल लोकल लेवल पर क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन्स थे। इनमें किसी तरह की ज्यादा प्लानिंग नहीं होती थी और ना ही इनके बारे में ज्यादा सोचा जाता था।'