बिसाहड़ा गांव में तनाव बरकरार, मांगें पूरी होने तक नहीं होगा रवि का अंतिम संस्कार

अखलाक मर्डर केस के आरोपी रवि का शव बिसाहड़ा गांव पहुंचने के बाद से ही पूरे इलाके में तनाव बरकरार है. परिजनों ने शव को फ्रीजर कॉफिन में रख दिया है और कहा है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
इस बीच साध्वी प्राची भी गुरुवार को बिसाहड़ा पहुंची और रवि के परिजनों के साथ धरने पर बैठी हैं.
परिजन और ग्रामीणों की मांग है कि जेल में बंद अन्य आरोपियों को मेडिकल सुविधा दी जाए, 1 करोड़ मुआवजा, नौकरी और जेलर पर कार्रवाई हो. प्रदर्शनकारी मामले की जांच सीबीआई से कराने और अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि अखलाक के भाई जान मोहम्मद पर गोहत्या का केस दर्ज है.
इससे पहले अख़लाक़ मर्डर केस के एक आरोपी रवि का शव बुधवार रात बिसाहड़ा गांव पहुंचा. शव के पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया और हर तरफ से सिर्फ रोने की आवाज आ रही थी. तनाव को देखते हुए गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. भारी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी लगाई गई है.
गौरतलब है कि पिछले साल कथित तैर पर गोमांस खाने और उसे घर में रखने की अफवाह पर भीड़ द्वारा अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में रवि, भीम, रोबिन और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया था.
बीते मंगलवार को लुक्सर जेल में बंद एक आरोपी 24 साल के रवि की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पुलिस का कहना है कि उसकी तबीयत ख़राब थी. जिसके बाद उसे गंभीर हालत में नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. वहां से मंगलवार को शाम को उसे दिल्ली के लोक नायक अस्पताल रेफर किया गया था, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
लेकिन गांव वाले और परिजनों का कहना है कि 23 सितम्बर को अख़लाक़ हत्या के आरोपियों की जेल में बंद अन्य कैदियों के साथ मारपीट हुई थी. जिसके बाद जेलर ने उनकी पिटाई की थी और उठक-बैठक लगवाई थी. जिस वजह से रवि की हालत बिगडती चली गई और उसकी मौत हो गई.
गौरतलब है कि बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर, 2015 (बकरीद) की रात गोरक्षकों की भीड़ ने गोमांस खाने और घर में रखने के आरोप में अखलाक की पीटकर और सिलाई मशीन से सिर कुचलकर हत्या कर दी थी. भीड़ ने अखलाक के बेटे को भी अधमरा कर दिया था.