41,610 सिपाही भर्ती मामला: विशेष कोटे के रिक्त पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका

यूपी पुलिस के 41 हजार से अधिक सिपाहियों की भर्ती मामले में अभ्यर्थियों के लिए हाईकोर्ट से राहत भरी खबर है। वर्ष 2013 में घोषित 41,610 पदों पर पुलिस सिपाहियों की भर्ती में रिक्त रह गए विशेष पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों को मौका मिल सकेगा। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड को दो माह में इस पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
पवन कुमार और 200 अन्य सफल अभ्यर्थियों ने विशेष कोटे (भूपू सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम आश्रित और विकलांग) के आरक्षित रह गए पदों को कैरी फारवर्ड करने के बजाय सफल अभ्यर्थियों से भरने की मांग की थी। याचिका पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने सुनवाई की।
याचीगण का पक्ष रख रहे अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि 14 मई, 2013 को नागरिक पुलिस, पीएसी और फायरमैन के लिए भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई। 41,610 पदों के लिए 16 जुलाई 2015 को अंतिम परिणाम घोषित किया गया। 38,191 अभ्यर्थी अंतिम रूप से सफल घोषित हुए। इसमें से विशेष आरक्षित वर्ग के 2312 पद रिक्त रह गए। इन पदों को अगली भर्ती के लिए कैरी फारवर्ड कर दिया गया। इस दौरान प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा संशोधन अधिनियम 2016 पारित करते हुए अधिनियम की धारा तीन की उपधारा पांच को निकाल दिया। इस धारा में रिक्त पदों को कैरी फारवर्ड करने का प्रावधान है।
परीक्षा में सफल ऐसे अभ्यर्थियों जिनको नियुक्ति नहीं मिल सकी थी, ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। अधिवक्ता विजय गौतम ने दलील दी कि सात अप्रैल 2016 के शासनादेश से नियमावली संशोधित कर दी गई तो रिक्त पदों को कैरी फारवर्ड करने के बजाय उस सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति का अवसर दिया जाए। कोर्ट ने दलील मंजूर करते हुए भर्ती बोर्ड को दो माह में इस पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।