भागने की कोशिश में हत्यारोपी ने पुलिस पर तानी पिस्टल, कांपने लगे दरोगा
महिला की हत्या व लूट के आरोप में जेल में बंद अंकुर उर्फ गौरव प्रताप सिंह के दुस्साहस से मंगलवार को पुलिस के हाथ-पांव फूल। बलरामपुर अस्पताल से जांच कराकर पुलिस कस्टडी में लौट रहे अंकुर ने गोसाईंगंज पहुंचते ही दरोगा पर पिस्टल और सिपाहियों व अन्य चार बंदियों पर तमंचा तान वैन रुकवाई और फायरिंग करते हुए भाग लिया।
आनन-फानन में शीर्ष अधिकारियों ने जब जांच की तो पता चला कि अस्पताल में ही एक महिला असलहों से भरा बैग थमा गई थी। लापरवाही पर दरोगा व बंदीरक्षक को निलंबित कर दिया गया है। एसएसपी ने सीओ लाइंस को मामले की जांच सौंपी है।
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि नाका क्षेत्र में एक महिला की दिनदहाड़े हत्या व लूटपाट के आरोप में 2 नवंबर 11 से जेल में बंद अंकुर को पेट व सीने में दर्द की शिकायत पर अल्ट्रासाउंड के लिए मंगलवार सुबह बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। उसके साथ चार अन्य बंदी भाईलाल, शैलेंद्र गौतम, बच्चू, शेरबहादुर उर्फ शेरा भी अस्पताल लाए गए थे।
फायर करते हुए लगा दी दौड़
वैन दोपहर 3:15 बजे गोसाईगंज से जेल रोड पर मुड़ी थी कि गौरव प्रताप ने बैग से पिस्टल व तमंचा निकाला। पिस्टल बगल में बैठे दरोगा धनीराम की कनपटी से सटाया और सामने की तरफ बैठे अन्य बंदियों व सिपाहियों में तमंचा तानकर वैन रुकवाई।
जान से मारने की धमकी देते हुए सभी को वैन से उतारा। इसके बाद धनीराम को साथ लेकर खुद कूदा और फायर करते हुए दौड़ लगा दी। गौरतलब है कि रायबरेली के बछरावां थाने के गांव हसनपुर निवासी अंकुर ने राजाजीपुरम निवासी अपने चचेरे भाई अनुभव सिंह की मदद से 19 अक्तूबर 11 की सुबह व्यापारी कैलाशनाथ तनेजा की पत्नी हर्षी तनेजा (50) की उनके घर में गला काटकर हत्या की और नगदी व गहने लूट ले गया था। कई दिन पड़ताल के बाद पुलिस ने सुबूत जुटाने के साथ एक नवंबर 11 को उसे गिरफ्तार किया था।
पुलिस बोली धक्का देकर भागने की कोशिश थी
स्थानीय निवासियों ने ही मीडिया को घटना की जानकारी दी। इससे अंकुर के हौसले पस्त होने लगे। वह लड़खड़ाकर गिरा और पुलिसकर्मियों ने धरदबोचा। तमंचा व पिस्टल छीनने के साथ पिटाई करके वैन में लादा और 3:45 बजे जेल में दाखिल कर दिया।
लापरवाही का अहसास होने पर पुलिसकर्मियों व बंदीरक्षक ने लीपापोती करते हुए जेल अधिकारियों को बताया कि अंकुर ने धक्का देकर भागने की कोशिश की थी, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।
बदमाश को फायरिंग करते भागते देख ग्रामीणों ने मीडियाकर्मियों को जानकारी दे दी। थोड़ी देर में मामला पुलिस व जेल विभाग के आला अफसरों तक पहुंच गया। फायरिंग से इन्कार कर रहे पुलिसकर्मी सच्चाई सामने आते ही घबरा उठे। एचसीपी धनीराम ने ब्लडप्रेशर बढ़ने की बात कही और अपना सीना पकड़कर बैठ गया।
बहन-भांजे से मिलकर रची भागने की साजिश
जेल के अफसरों ने अंकुर से कड़ाई से पूछताछ की। खुलासा हुआ कि उसने बहन व भांजे के साथ मिलकर फरार होने की साजिश रची थी।
कुछ दिनों से पेट व सीने में दर्द बताकर जेल अस्पताल में इलाज करा रहे अंकुर को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी गई। एचसीपी धनीराम व सिपाहियों की अभिरक्षा में जेल से निकले अंकुर ने रास्ते में एक सिपाही से नजदीकी बनाई और उसके मोबाइल से अपनी बहन को कॉल की।
चेकअप के दौरान बहन व भांजे ने मुलाकात के दौरान उसे बैग थमाया। उसमें खाद्य पदार्थ के साथ तमंचा व पिस्टल रखा था। सूत्रों का कहना है कि वापसी के दौरान अंकुर ने खुर्दही बाजार में चालक नईम उल्ला वैन रुकवाई और केले खरीदे। पुलिसकर्मियों व बंदियों को केले खिलाने के साथ उन्हें बातचीत में उलझाया और सुनसान स्थान नजर आते ही बैग से असलहे निकाल लिए।
इस मामले में पुलिस व जेल के अधिकारी चार घंटे तक चुप्पी साधे रहे। खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने पर सीओ मोहनलालगंज आलोक जायसवाल, एसओ गोसाईगंज संजीवकांत मिश्रा, जेल पुलिस चौकी इंचार्ज श्यामलाल सरोज ने जिला जेल पहुंचकर तहकीकात की और मौका मुआयना किया।
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि प्रथमदृष्ट्या लापरवाही उजागर होने पर एचसीपी धनीराम को निलंबित करने के साथ सीओ लाइंस को जांच सौंपी गई। इसके साथ बंदीरक्षक को निलंबित करने के लिए जेल अधीक्षक को निर्देश दिए गए। जेल अधीक्षक ने बंदीरक्षक परशुराम को निलंबित कर दिया है।