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उत्तर प्रदेश

इन कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी

इन कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
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विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह आजीवन पेंशन सुविधा दे सकती है। नगर विकास विभाग ने पेंशन नियमावली लगभग तैयार कर ली है।

इन कर्मचारियों को अभी सिर्फ सेवानिवृत्ति के 10 साल तक ही पेंशन देने का प्रावधान है। नियमावली को कैबिनेट की अगली बैठक में रखे जाने की संभावना है। सरकार के इस निर्णय से सूबे के 620 निकायों के करीब 60 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।

दरअसल, राज्य कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन के तौर पर बेसिक वेतन की 50 प्रतिशत राशि और डीए मिलता है। यह व्यवस्था नगर निकायों में लागू नहीं थी। कर्मचारियों की लंबी लड़ाई के बाद इसे सूबे के14 नगर निगमों में तो लागू कर दिया गया लेकिन नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में लागू नहीं किया गया।

स्थानीय निकाय एवं सफाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में सभी निकाय संगठन करीब 15 साल से राज्य कर्मियों की तरह नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायत कर्मियों को भी पेंशन सुविधा देने की मांग कर रहे थे। सरकार से लेकर कोर्ट तक लड़ने के बाद भी पूर्ववर्ती सरकारों ने उनकी मांग नहीं मानी।

इस सरकार में भी इस मुद्दे पर अधिकारियों व कर्मचारियों की कई बार बैठकें हुईं लेकिन कोई हल नहीं निकल सका, मगर अब चुनाव नजदीक देख सरकार ने इस मांग के बारे में गंभीरता दिखाई है।

इस बाबत हाल ही सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में कर्मचारी संगठनों की बैठक हुई थी। इसमें नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत कर्मियों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह पेंशन देने पर सहमति बनी। इसके बाद नगर विकास विभाग को 15 दिन में पेंशन नियमावली बनाने को कहा गया था। नियमावली लगभग तैयार हो गई है, जिसे जल्द ही विधिक परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा जाएगा।

राज्य व नगर निगम कर्मियों की भांति नगर पालिका परिषद व पंचायत कर्मियों को भी बेसिक वेतन की 50 फीसदी राशि पेंशन के तौर पर मिलेगी। अभी इन्हें सिर्फ 41.5 प्रतिशत राशि मिलती है।

इसके अलावा राज्य कर्मियों की तरह इन दोनों निकायों के कर्मचारियों को भी 10 साल की सेवा पूरी करने पर ही पेंशन का लाभ मिल सकेगा। अभी इनके लिए 20 साल तक सेवा करना अनिवार्य था।

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