उमा भारती ने कहा- जिन्हें सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत चाहिए, वे पाकिस्तान जाकर बस जाएं

एलओसी पारकर सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर 'शक' जताने वालों राजनेताओं को केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने जवाब दिया है। भारती ने कहा कि ऐसे नेताओं को पाकिस्तान की 'नागरिकता' ले लेनी चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "जो नेता ये कहते हैं कि अगर पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहा है तो उन्हें सबूत दिए जाने चाहिए, ऐसे लोगों को पाकिस्तान की नागरिकता ले लेनी चाहिए।" गौरतलब है कि पिछले दो दिन से सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर राजनेताओं के बयानों में 'संदेह' देखने को मिल रहा है। पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री से पाकिस्तान के 'प्रोपेगेंडा' का जवाब देने को कहा। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है। वह अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को सीमा पर लेकर गया है। यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक तो हुर्इ ही नहीं। इसे झूठ साबित करने के लिए सबूत दिए जाएं। उसके बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, "प्रत्येक भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक्स चाहता है लेकिन भाजपा द्वारा राजनीतिक फायदे के लिए फर्जी वाली नहीं। देश के हितों पर राजनीति।"
केजरीवाल के वीडियो पर मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल देश की सेना पर शक कर रहे हैं। यदि उन्हें शक नहीं है तो फिर पाकिस्तान के झूठे प्रचार से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। प्रसाद ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे भी सेना के जवानों के सर्जिकल स्ट्राइक कर सकने की योग्यता पर सवाल उठाने वालों में शामिल हैं। चिदंबरम ने एक अखबार को इंटरव्यू में कहा था कि उनकी सरकार के समय जनवरी 2013 में पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। अब संजय निरुपम के बयान की भी तीखी आलोचना हो रही है। कांग्रेस ने खुद को निरुपम के बयान से पूरी तरह अलग कर लिया है, हालांकि उसने भी केन्द्र सरकार से पाकिस्तान के 'प्रोपेगेंडा' का खुलासा करने की अपील की है।