सपा का झगड़ा व बसपा का असंतोष भाजपा के अनुकूल

सपा के झगड़े और बसपा के असंतोष का लाभ उठाते हुए भाजपा 2017 के विधानसभा चुनाव में फतह के लिए किलेबंदी में जुट गई है। युवाओं, पिछड़ों व महिलाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इनके सम्मेलनों की बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। भाजपा ने कार्यक्रमों की बड़ी शृंखला तैयार की है। कार्यकर्ताओं को काम सौंप दिए गए हैं।
बसपा में नेता प्रतिपक्ष रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मंत्री आरके चौधरी समेत कई विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और कुछ को-आर्डिनेटर मायावती के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर भाजपा में शामिल हुए हैं।
बसपा से आने वाले पिछड़े और दलित वर्ग के नेताओं को उन्हीं के बीच काम करने की जिम्मेदारी दी गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य परिवर्तन रैली कर चुके हैं तो पूर्व सांसद जुगुल किशोर दलितों का सम्मेलन करा चुके हैं। इसी तरह अनुप्रिया पटेल ने वाराणसी में पिछड़ों, खासतौर से कुर्मियों का जमावड़ा किया तो ओमप्रकाश राजभर ने मऊ में अति पिछड़ों की रैली की। इन सभी कार्यक्रमों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शामिल हुए।
सपा का झगड़ा व बसपा का असंतोष भाजपा के अनुकूल
युवाओं की चिंता, हर जिले में होगा सम्मेलन
भाजपा को सर्वाधिक चिंता युवाओं की है। सपा, खासतौर से अखिलेश यादव के साथ युवाओं की बड़ी टीम को देखते हुए भाजपा ने उनकी काट की तैयारी प्रारंभ कर दी है। संगठनात्मक दृष्टि से भाजपा के 92 जिले हैं। सभी में युवा सम्मेलन किए जाएंगे।
इन युवा सम्मेलनों की रूपरेखा तय करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर कार्यशालाएं की जा रही हैं। इनमें भाजपा का यूथ एजेंडा सामने रखा जाएगा। इससे पहले युवाओं के वोटर बनवाने का अभियान चला चुकी है। इस अभियान के लिए प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह को प्रभारी बनाया गया है।
भाजपा के इस तरह काम आ रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
प्रदेश में 200 सम्मेलन करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर छह कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इनमें पिछड़ा वर्ग सम्मेलनों के विधानसभा और जिला स्तर के संयोजक बुलाए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों के संयोजक प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया हैं।
बूथ स्तर की महिलाओं के होंगे सम्मेलन
भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर पांच महिलाओं की समितियां गठित करने का लक्ष्य रखा है। हर बूथ से पांच-पांच महिलाओं को शामिल करते हुए प्रत्येक जिले में महिलाओं के बड़े सम्मेलन किए जाएंगे।
भाजपा की प्रदेश महामंत्री अनुपमा जायसवाल और प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कर्दम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्षेत्रीय और जिला स्तर के बाद मंडल संयोजकों की नियुक्तियां और बूथ स्तर पर महिलाओं को जोड़ने का काम चल रहा है। जैसे-जैसे बूथों का गठन होता जाएगा, जिलों में महिला सम्मेलन किए जाएंगे।
वरिष्ठ नेताओं को दी गई ये जिम्मेदारी
भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन की योजना बनाई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें 2017 के लिए प्रशिक्षित करेंगे। जिन नेताओं को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई है, उनमें प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं।
बूथ अध्यक्षों की बैठकों का दौर 2 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक चलेगा। बूथ स्तर का सम्मेलन सबसे निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा माने जा रहा है।
सहारनपुर, ललितपुर, बलिया सोनभद्र से निकलेंगी यात्राएं
भाजपा चार परिवर्तन यात्राएं निकालने जा रही है। ये यात्राएं पूर्वांचल में बलिया, पश्चिमी यूपी में सहारनपुर, बुंदेलखंड में ललितपुर और दक्षिणांचल में सोनभद्र से प्रारंभ होंगी। इन यात्राओं के प्रभारी और रूट तय हो गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में यात्रा एक दिन रहेगी।
इस दौरान कई नुक्कड़ सभाएं और कम से कम एक बड़ी सभा होगी। रथों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सवार होंगे। चुनावी माहौल के नजरिये से इन यात्राओं को अहम माना जा रहा है।