2015-16 में जेएनयू में यौन उत्पीड़न के रिकॉर्ड 39 मामले दर्ज

यूनिवर्सिटी की जेंडर सेंसिटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट (जीएसकैश) ने साल 2015-16 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूनिवर्सिटी के सभी विभागों में जनवरी 2015 से लेकर मार्च 2016 तक यौन उत्पीड़न के कुल 42 मामले सामने आए हैं
देश के सबसे नामी यूनिवर्सिटी जवाहर लाल यूनिवर्सिटी पिछले कुछ महीनों से विवादों का केन्द्र बना हुआ है। उसके खाते में एक और विवाद जुड़ गया है। यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं। साल 2015-16 में इस यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न के कुल 39 मामले दर्ज किए गए हैं जो किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए एक रिकॉर्ड है। साल 2014-15 में यूनिवर्सिटी को यौन उत्पीड़न से जुड़ी कुल 26 शिकायतें मिली थीं जो अब बढ़कर 39 हो गई है। साल 2013-14 में इस तरह की कुल शिकायतों की संख्या 25 थी। तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दिसंबर 2015 में संसद को बताया था कि विस्वविद्यालय प्रसासन को पिछले दो वर्षों में सबसे ज्यादा यौन उत्पीड़न की शिकायतें मिली हैं जो देश के शैक्षणिक संस्थानों में सबसे ज्यादा है।
यूनिवर्सिटी की जेंडर सेंसिटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट (जीएसकैश) ने साल 2015-16 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूनिवर्सिटी के सभी विभागों में जनवरी 2015 से लेकर मार्च 2016 तक यौन उत्पीड़न के कुल 42 मामले सामने आए हैं। यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न से जुड़ी सिकायतों के निपटारे के लिए एक प्रमुख केन्द्रीय कमेटी है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही जेएनयू की एक छात्रा ने फेसबुक के जरिए एक छात्र संगठन के मध्य प्रदेश के पूर्व नेता पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। पीड़िता ने आरोपी पर पैसे ऐंठने का भी इल्जाम लगाया था। यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद एबीवीपी ने कहा कि वामपंथ का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। छात्रा की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, वह खुद इसी संगठन की सदस्य है।
एक अन्य मामले में पिछले महीने जेएनयू की 28 वर्षीय शोध छात्रा ने आरोप लगाया था कि साथी छात्र अनमोल रतन ने 20 अगस्त को विश्वविद्यालय परिसर में अपने छात्रावास के कमरे में उसे नशीला पेय पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया। अनमोल वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़ा था और इस संगठन ने भी उसे निष्कासित कर दिया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने साथी छात्रा के साथ बलात्कार के आरोपी पीएचडी छात्र को निलंबित कर दिया है और जांच होने तक परिसर में उसके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया गया है।