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राजधानी की गलियों में गूंजा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ', 700 छात्रों ने ली स्वच्छता की शपथ
BY Suryakant Pathak3 Oct 2016 1:19 PM GMT

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Suryakant Pathak3 Oct 2016 1:19 PM GMT
नई दिल्ली। (रोहित पांडेय )गांधी जयंती के अवसर पर पश्चिमी दिल्ली कि गलियों में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की गूंज सुनाई दी। राजधानी के पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र में दो अक्टूबर को 'अतुल्य साहस' एनजीओ की ओर से शहर में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का संदेश दिया गया। इस रैली में करीब 700 छात्रों ने हिस्सा लिया।
उत्तम नगर इलाके के स्वास्तिक चौक से शुरू हुई इस रैली का शुभारंभ मुख्य अतिथि भगवत स्वरूप (रिटार्यड प्रिंसिपल) और पश्चिमी दिल्ली की उपमहापौर शशि प्रभा ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया। रैली से पहले के अपने संबोधन में अतिथियों ने बेटी और बेटे दोनों को एक समान बताया और कहा कि लोगों को इनमें फर्क करने के बजाए दोनों को जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर देने की अपील की।
रैली में 700 बच्चों समेत करीब 1100 लोगों ने भाग लिया। इस दौरान गली चौराहों पर बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और समाजिक स्वच्छता का संदेश दिया। वहीं, रैली में शामिल हुए सैकड़ों छात्रों ने पोस्टर चित्रण और नारों द्वारा संदेश देने की कोशिश की। इन पोस्टर्स पर लिखे नारे थे..., 'बेटी को पढ़ाओगे तो भारत को बनाओगे', 'साफ सफाई का रखो ध्यान, बढ़ेगी इससे देश की शान', 'राम राज्य फिर लाना है, हर बेटी को पढ़ाना है', 'अतुल्य साहस की है हुंकार, शिक्षा हो हर लड़की का अधिकार', 'अगर नारियां शिक्षित होंगी, तो कई पीढ़ियां दीक्षित होंगी।'
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने हरियाणा के पानीपत से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत की थी। जिसके बाद पूरे देश में बेटियों को जीवन और सुनहरे भविष्य प्रदान करने के लिए लाखों की संख्या में संस्थाएं सामने आईं। यही नहीं, हरियाणा सरकार ने रियो ओलंपिक में भारत को पहला पदक (ब्रॉन्ज मेडल) दिलाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक को 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' मुहिम का ब्रांड एंबेसडर बनाया। और यह संदेश देने की कोशिश की कि देश की बेटियों को अवसर मिले तो वो कुछ भी कर सकती हैं।
कितनी पढ़ी-लिखी हैं हमारी बेटियां
2011 में महिला साक्षरता दर 65.46% तथा पुरुष साक्षरता दर 82.14% दर्ज की गयी। बिहार में यह दर सबसे कम यानि 46.40%, उत्तर प्रदेश में 51.36%, हरियाणा में 56.91% तथा राजस्थान में 47.76% है। खुशी की बात यह है कि केरल में महिला साक्षरता दर 100% हैं।
अतुल्य साहस की ओर से समाज को बेटियों और स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित किए गए रैली मे गेस्ट के तौर पर पश्चिमी दिल्ली की पमहापौर शशि प्रभा और राजनीति विज्ञान के लेक्चरर संतोष कुमार गौतम समेत कई स्थानीय शिक्षक मौजूद रहे। वहीं, बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए भगवत स्वरूप (रिटार्यड प्रिंसिपल) ने और पुलिस इंस्पेक्टर रमन सिंह ने जीवन में बेटियों के महत्व और स्वच्छता से होने वाले फायदे के बारे में बताया। एनजीओ के प्रेजीडेंट मुकेश कुमार जैन ने सभी का स्वागत किया।
गौरतलब है कि अतुल्य साहस एनजीओ गरीब बच्चों के शिक्षा और समाज में फैली कूरीतियों को खत्म करने के लिए पिछले चार वर्षों से काम कर रहा है। यही नहीं एनजीओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया कैंपेन के साथ जुड़कर गरीब तबके के बच्चों को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा और नई तकनीक की जानकारी मुहैया कराता रहा है।
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