सीमा के गांवों को खाली करने का आदेश
BY Suryakant Pathak30 Sep 2016 1:19 AM GMT

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Suryakant Pathak30 Sep 2016 1:19 AM GMT
भारतीय सेना के आतंकवादी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमले को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर और पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा के दस किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि अटारी वाघा सीमा पर होने वाला बीटिंग रिट्रीट समारोह भी गुरुवार को जनता के लिए बंद कर दिया गया। जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने कहा, 'हमने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगे गांवों के निवासियों से ऐहतियाती कदम के तौर पर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा है।' उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा से सात से आठ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है और दस किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।' अधिकारियों ने बताया कि ये निर्देश जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों व रजौरी और पुंछ में नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जारी किए गए हैं। आरएसपुरा के कुछ क्षेत्रों में सीमाई इलाकों से निवासियों का सुरक्षित स्थानों पर जाना पहले ही शुरू हो गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने उन्हें सुरक्षित जगहों पर जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं और कुछ ने रिश्तेदारों के घरों में जाना शुरू भी कर दिया है।' अधिकारियों ने कहा कि सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों की जवाबी कार्रवाई की आशंका में रजौरी के नौशेरा बेल्ट में आसपास के क्षेत्रों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है। पंजाब में भी अंंतरराष्ट्रीय सीमा से दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। पंजाब के छह जिलों की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीमा क्षेत्रों में स्कूलों को भी अगले आदेश तक बंद रखने को कहा गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पूरी सरकारी और राजनीतिक मशीनरी को आपात मोड में डाल दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बादल से फोन पर बात की और उनसे तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर अंंतरराष्ट्रीय सीमा से दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का अनुरोध किया। बादल ने मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया कि वे संबंधित उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से सीमांत जिलों फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरणतारन, गुरदासपुर और पठानकोट में लोगों को हटाने की प्रक्रिया की निगरानी करें। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि शिविर स्थापित करने के लिए उपयुक्त जगहों की पहचान करें और यह सुनिश्चित करें कि सीमा के आसपास से हटाए जाने वाले निवासियों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। बादल ने संबंधित कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों से निजी तौर पर बात की कि वे इन सीमांत जिलों में रहें और निवासियों को सुरक्षित तरीके से निकालने की प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन के साथ संपर्क बनाये रखें। मुख्यमंत्री ने साथ ही मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया कि छह सीमांत जिलों के सभी उपायुक्तों को एक-एक करोड़ की राशि तत्काल जारी करेंं जिससे वे किसी भी आवश्यकता को पूरा कर सकें। इस बीच, अमृतसर के उपायुक्त वरुण रूजम ने कहा कि अमृतसर जिले में सीमा के पास रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने और किसी भी आपातस्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
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