बदलाव की राजनीति में नये नेतृत्व की आहट : मधुकर त्रिवेदी
BY Suryakant Pathak29 Sep 2016 6:53 AM GMT

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Suryakant Pathak29 Sep 2016 6:53 AM GMT
अभी अभी तीन दिन पहले (दिनांक 26.09.2016) जनपद गाजीपुर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे से राजनीति में बड़े परिवर्तन की आहट हुई है। गाजीपुर के करमपुर गांव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ऐतिहासिक जनसभा हुई। लगातार हो रही बारिश के बावजूद सुबह 7 बजे से ही लगभग एक लाख की तादाद में लोगों का जुटना मुख्यमंत्री के प्रति भरोसे को जताता है। ग्रामीण क्षेत्र में हुये इस आयोजन में दूर-दराज देहात से आये किसाना,ें महिलाओं, छात्र-छात्राओं, नौजवानों की उपस्थिति अपने प्रिय नेता अखिलेश यादव की एक झलक पाने को लालायित थी। लखनऊ से गाजीपुर की हेलीकाप्टर यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने दोनों कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चैधरी एवं राम गोविन्द चैधरी से क्रियान्वित हो रही सड़क/पुल सहित अनेक विकास योजनाओं के विषय में जो अभिरूचि दिखायी उसे कल्पनातीत उपस्थिति ने अपने जोरदार समर्थन से मजबूत किया।
गाजीपुर सहित पूर्वांचल ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। यहंा के लोगों ने बर्बर अंग्रेजों के विरूद्ध विद्रोह कर आजादी की अलख जगाई थी। गाजीपुर के ग्रामीण अंचल में विश्वस्तरीय हाकी स्टेडियम सहित अनेक विकास योजनाओं की शुरूआत हुई है जिससे गांव के अन्तिम पंक्ति में खड़ा गरीब आदमी भी अब सम्मान पूर्वक जीवन जी सकेगा।
समाजवादी सरकार में अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी योजना आगरा से लखनऊ और लखनऊ से बलिया तक एक्सप्रेस वे तरक्की का एक नया रास्ता है, जिसमें पूर्वांचल से दिल्ली दूर नहीं रह जायेगी। मुख्यमंत्री ने गांवों के किसानों और नौजवानों को आगे बढ़ने का अवसर भी उपलब्ध कराकर गांवों और शहरों की दूरी कम की है।
राजेन्द्र चैधरी के अनुसार खेतों में लहलहाती फसलों के बीच से किसानों की एक ही ललकार सुनाई देती है कि उनका नेता अखिलेश यादव है। अपने नेता के इंतजार में हजारों की तादाद में खराब मौसम के बाद भी एकत्र जन समुदाय अखिलेश सरकार की जन हितैषी नीतियों में आमजन के भरोसे का उदाहरण है। लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिये ग्रामीण लोगों में बड़ी से बड़ी ताकत से टकराने की हिम्मत है। गांव में एकत्रित जनसमर्थन इस बात का पूरा विश्वास दिलाता है कि अखिलेश जी का साम्प्रदायिकता विरोधी चरित्र ही धर्मनिरपेक्ष, लोकतंात्रिक और समाजवादी व्यवस्था को कायम रखने में सक्षम होगा।
श्री अखिलेश यादव की चिन्ता यह है कि महिलाओं और गरीबों के सपनों को कैसे पूरा किया जाये। जनसभा में और हेलीकाप्टर में भी मुख्यमंत्री इस बात का जिक्र करते रहे कि इनके सपने को पूरा करने के लिये पूरी ताकत से काम करना है। गरीबों के साथ धोखा-धड़ी की राजनीति नहीं की जा सकती।
असल लड़ाई बुनियादी परिवर्तन की है। गांव में संसाधन विहीन लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठाने की चुनौती है। गांधी जी ने जिस ग्राम स्वराज की बात करते हुये गांव में समृद्धि और आत्म निर्भरता का रास्ता सुझाया था, उस दिशा में ले जाने की उम्मीद वर्तमान नेतृत्व के रूप में अखिलेश यादव से है। श्री अखिलेश यादव ने जिस तरह नौजवानों में सपने जगाकर उन्हें व्यवस्था परिवर्तन की राजनीति के लिये लगातार प्रेरित किया है, वह महत्वपूर्ण है। बजट का 80 फीसदी गांवों के विकास पर खर्च करते हुये गांव-शहर का भेद मिटाने के मुख्यमंत्री के प्रयास से समाज के वंचित वर्ग को बड़ा हौसला मिला है। जब तक गांव का व्यक्ति आत्म-निर्भर नहीं होगा, देश तरक्की नहीं कर सकता। गांव में खुशहाली लाकर और गैर बराबरी मिटाकर नई व्यवस्था कायम करने की दिशा में मुख्यमंत्री का कार्य महत्व रखता है। अपने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में अखिलेश यादव के प्रशासनिक कौशल से लोगों का व्यवस्था में विश्वास मजबूत हुआ है। परम्परागत राजनीति से अलग हटकर समन्वयकारी की भूमिका में अखिलेश यादव एक पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से आमजन की बेहतरी को सर्वोपरि बनाने की नई राजनैतिक संस्कृति को विकसित करने में प्रयासशील हैं जिसके लिये जनता का उन्हें भरपूर समर्थन भी मिल रहा है।
विचारों की राजनीति से लेकर सत्ता प्रतिष्ठानों को जन सुलभ बनाने की दिशा में अखिलेश यादव एक दूरदर्शी मुख्यमंत्री के रूप में उभरे हैं। समाज के सभी वर्गो का सम्मान और समर्थन उनके भरोसेमंद राजनैतिक व्यक्तित्व का उदाहरण है। जनजुड़ाव के माध्यम से जरूरत मंदों के साथ वे खड़े रहते हैं। धर्म निरपेक्षता के लिये उनकी प्रतिबद्धता के चलते सामाजिक सौहार्द एवं सद्भाव की ताकते मजबूत हुई हैं। ऐसे में निर्विवाद व्यक्तित्व के रूप में शालीनता का गुण होना अखिलेश यादव को भविष्य के नेता के रूप में स्थापित करता है।
राजेन्द्र चैधरी का मानना है कि समाज और विकास विरोधी और विघटनकारी ताकतों से सावधान रहने की जरूरत है। बतौर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किये गये जनहित के कार्यो से विरोधी चिढ़ गये हैं। इसलिये उनके खिलाफ साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। अखिलेश यादव ने कई बार स्वयं कहा है कि यह वर्ष चुनावी साजिशों से भरा होगा, बहुत सी प्रतिगामी ताकतें विकास के रास्ते में रोड़ा बनकर खड़ा होने का दुस्साहस कर रही हैं। ऐसे कठिन समय में जनता को अब तक किये गये विकास योजनाओं और उनसे होने वाले लाभ के विषय में लगातार जागरूक करते रहना होगा।
किसानों और नौजवानों के मुद्दे, जिनको लेकर मुख्यमंत्री ने 2016-17 के बजट में ष्किसान नौजवान वर्षष् घोषित किया था, उन्हीं के हजारों हाथ अखिलेश के समर्थन में उठे रहे। उनके पूरा करने का भरोसा अखिलेश यादव में ही दिखता है। यह संयोग ही है कि जिस गोमती नदी की स्वच्छता का बीड़ा मुख्यमंत्री ने उठाया वह गोमती नदी यहीं गाजीपुर में गंगा नदी में आकर मिलती है। यह भी उल्लेखनीय है कि लखनऊ से हेलीकाप्टर गोमती नदी के ऊपर उड़ते हुये सैदपुर (गाजीपुर) पहुंचता है। लखनऊ में गोमती नदी की सफाई का कार्य, रिवरफ्रन्ट आदि विकसित कराना भी श्री अखिलेश की योजनाओं का हिस्सा है। पूर्वान्चल के सिद्धार्थनगर में उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिये सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की स्थापना, आजमगढ़ में अनेक बहुउद्देशीय योजनाओं सहित गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये सठियाव शुगर मिल की शुरूआत जैसे कार्यो को पूर्वान्चल के पिछड़ेपन को समग्रता में दूर करने के प्रयास में देखा जा सकता है। पूर्वांचल के गढ़ गाजीपुर के करमपुर गांव में अखिलेश यादव की दस्तक 2017 में उनके नेतृत्व में बनने वाली सरकार की आहट है।
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