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राहुल गाँधी प्रदेश में जिस बदहाली का रोना रो रहे हैं, वह उन्ही की सरकारों की देन : डा0 अशोक बाजपेयी
BY Suryakant Pathak28 Sep 2016 10:12 AM GMT

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Suryakant Pathak28 Sep 2016 10:12 AM GMT
लखनऊ : समाजवादी सरकार के विकास कार्यो से जनता में उसका भरोसा बना हुआ है। यह बात विपक्षी दलोें को बुरी तरह चुभ रही है। वे इसलिए इन दिनों अनर्गल बयानबाजी करके जनता को गुमराह करने की साजिशों में लग गए हैं।
कांग्रेस ने इस देश-प्रदेश पर सबसे ज्यादा समय तक राज किया है। आज कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गाँधी प्रदेश में जिस बदहाली का रोना रो रहे हैं, वह उन्ही की सरकारों की देन है। गरीबी, बेकारी, किसान की बर्बादी, अल्पसंख्यकों की बदहाली यह सब उनके खानदानी राज की ही विरासत है। किसान के नाम पर झूठे वादों से कांग्रेस की हालत सुधरने वाली नही है। खाट सभाओं के माध्यम से अपनी जो तस्वीर जनता के मध्य कांग्रेस खड़ी करना चाहती है उसकी असलियत लोग जानते हैं और उनके भ्रम में आने वाले नही है। कांग्रेस को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रांगगिक नही रह गई है।
जहाँ तक बसपा का सवाल है उसकी अध्यक्ष को तो समाजवादी सरकार के सत्ता में आने के पहले दिन से ही एलर्जी हो गई है। बहुमत की समाजवादी सरकार की जगह राष्ट्रपति शासन लगाने की की माँग पूर्ण बहुमत की समाजवादी सरकार के गठन के 15 दिन के अन्दर ही उठाने वाली बसपा का विश्वास यदि लोकतंत्र में मिले जनादेश पर होता तो वे कदापि ऐसा बचकाना प्रयास नही करती। बसपा के कुशासन से जनता बुरी तरह त्रस्त रही है। उस समय के भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी, लूट, बलात्कार और हत्या जैसे दुष्कांडो में बसपा के ही मंत्री और विधायक संलिप्त थे। आज उन्हें बेदाग छवि के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जनहित में लागू योजनाओं से प्रदेश की बदलती छवि नही दिखती है क्योंकि बसपा प्रमुख को तो पत्थरों का घेरा ही पसन्द है।
भाजपा की तमाम कवायदों के बावजूद जनता में उसकी पूछ नही हो रही है। केन्द्र की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के साथ सौतेलापन बरत रही है और प्रधानमंत्री के झूठे वादों से जनता का मोहभंग हो गया है। समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा चलाये विकास कार्यो से ध्यान हटाने के लिए भाजपा रोज नये प्रपंच रच रही है और इसीलिए कभी बिसाहड़ा कभी कैराना जैसे मुद्दे खड़े कर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव और अशंाति उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है। अब चुनाव के दौर में वह फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए पलायन का मुद्दा उछालने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की इस नकारात्मक राजनीति के चलते ही यह विकास की दौड़ में पिछड़ता रहा है। समाजवादी सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था के साथ अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार कर प्रदेश में परिवर्तन का सुनहरा दृश्यपटल निर्मित किया है। देश और दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजना समाजवादी पेंशन योजना शुरु की है। नौजवानों की बेराजगारी दूर करने की कौशल विकास योजना के साथ सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में नौकरियाँ सृजित की है। पूरा प्रदेश समाजवादी सरकार और इसके विकास कार्यो के साथ है। प्रदेश का नौजवान और किसान विपक्षी पार्टियों के पाखन्ड और उनके फर्जी आरोंपो का जवाब भी देगा।
(डा0 अशोक बाजपेयी)
प्रदेश प्रवक्ता
कांग्रेस ने इस देश-प्रदेश पर सबसे ज्यादा समय तक राज किया है। आज कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गाँधी प्रदेश में जिस बदहाली का रोना रो रहे हैं, वह उन्ही की सरकारों की देन है। गरीबी, बेकारी, किसान की बर्बादी, अल्पसंख्यकों की बदहाली यह सब उनके खानदानी राज की ही विरासत है। किसान के नाम पर झूठे वादों से कांग्रेस की हालत सुधरने वाली नही है। खाट सभाओं के माध्यम से अपनी जो तस्वीर जनता के मध्य कांग्रेस खड़ी करना चाहती है उसकी असलियत लोग जानते हैं और उनके भ्रम में आने वाले नही है। कांग्रेस को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रांगगिक नही रह गई है।
जहाँ तक बसपा का सवाल है उसकी अध्यक्ष को तो समाजवादी सरकार के सत्ता में आने के पहले दिन से ही एलर्जी हो गई है। बहुमत की समाजवादी सरकार की जगह राष्ट्रपति शासन लगाने की की माँग पूर्ण बहुमत की समाजवादी सरकार के गठन के 15 दिन के अन्दर ही उठाने वाली बसपा का विश्वास यदि लोकतंत्र में मिले जनादेश पर होता तो वे कदापि ऐसा बचकाना प्रयास नही करती। बसपा के कुशासन से जनता बुरी तरह त्रस्त रही है। उस समय के भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी, लूट, बलात्कार और हत्या जैसे दुष्कांडो में बसपा के ही मंत्री और विधायक संलिप्त थे। आज उन्हें बेदाग छवि के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जनहित में लागू योजनाओं से प्रदेश की बदलती छवि नही दिखती है क्योंकि बसपा प्रमुख को तो पत्थरों का घेरा ही पसन्द है।
भाजपा की तमाम कवायदों के बावजूद जनता में उसकी पूछ नही हो रही है। केन्द्र की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के साथ सौतेलापन बरत रही है और प्रधानमंत्री के झूठे वादों से जनता का मोहभंग हो गया है। समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा चलाये विकास कार्यो से ध्यान हटाने के लिए भाजपा रोज नये प्रपंच रच रही है और इसीलिए कभी बिसाहड़ा कभी कैराना जैसे मुद्दे खड़े कर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव और अशंाति उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है। अब चुनाव के दौर में वह फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए पलायन का मुद्दा उछालने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की इस नकारात्मक राजनीति के चलते ही यह विकास की दौड़ में पिछड़ता रहा है। समाजवादी सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था के साथ अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार कर प्रदेश में परिवर्तन का सुनहरा दृश्यपटल निर्मित किया है। देश और दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजना समाजवादी पेंशन योजना शुरु की है। नौजवानों की बेराजगारी दूर करने की कौशल विकास योजना के साथ सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में नौकरियाँ सृजित की है। पूरा प्रदेश समाजवादी सरकार और इसके विकास कार्यो के साथ है। प्रदेश का नौजवान और किसान विपक्षी पार्टियों के पाखन्ड और उनके फर्जी आरोंपो का जवाब भी देगा।
(डा0 अशोक बाजपेयी)
प्रदेश प्रवक्ता
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