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उत्तर प्रदेश

कई मंत्रियों का तर्क महत्वहीन विभाग वाले मंत्री को अफसर भी तबज्जो नहीं देते - विधानसभा चुनाव के दिन गिने-चुने, ऐसे में विभाग ऐसा हो कि क्षेत्र में प्रतिष्ठा बने, जनता के कुछ काम भी हो जाएं गोलेश स्व�

कई मंत्रियों का तर्क महत्वहीन विभाग वाले मंत्री को अफसर भी तबज्जो नहीं देते - विधानसभा चुनाव के दिन गिने-चुने, ऐसे में विभाग ऐसा हो कि क्षेत्र में प्रतिष्ठा बने, जनता के कुछ काम भी हो जाएं गोलेश स्व�
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समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव बर्खास्त युवा नेताओं की वापसी पर फैसला जल्द ले सकते हैं। सपा महासचिव राम गोपाल के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा दिए गए संकेत कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि नेता जी और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल से इस संबंध में मंत्रणा भी हो चुकी है।

प्रदेश में विधानसभा की घोषणा कभी भी हो सकती है। सपा का चुनावी अभियान अभी शुरू नहीं हो पाया है। युवा साथियों की बर्खास्तगी के बाद अखिलेश यादव द्वारा 3 अक्तूबर से शुरू होने वाली 'समाजवादी विकास रथ यात्र को स्थगित कर दिया गया। इसके तीन दिन बाद 6 अक्तूबर को आजमगढ़ में होने वाली मुलायम की रैली थी स्थगित कर दी गई। बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव समाजवादी परिवार में जल्द ही सब कुछ ठीक कर लेना चाहते हैं, ताकि चुनाव अभियान पर असर न पड़े।

अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटाने के बाद उनके समर्थक सड़क पर आ गए थे। इसके बाद अखिलेश व शिवपाल समर्थकों में जमकर नारेबाजी हुई थी। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारी युवा साथियों को पांच कालीदास मार्ग के अंदर बुलाकर आंदोलन तुरंत खत्म करा दिया था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने के बाद शिवपाल ने 19 सितंबर को विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया, संजय लाठर, मुलायम यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे, प्रदेश अध्यक्ष मो. एबाद युवजनसभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव व छासभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव को बर्खास्त कर दिया था। अब इनकी वापसी का बात पर मंथन हो रहा है।

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