कैराना उपचुनाव: अखिलेश यादव नहीं करेंगे प्रचार
BY Anonymous25 May 2018 11:49 AM GMT

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Anonymous25 May 2018 11:49 AM GMT
सपा मुखिया अखिलेश यादव रणनीति के तहत चुनाव प्रचार करने अभी तक कैराना नहीं गए हैं। सपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी को भय है कि संभव है कि उनकी सभा करने से भाजपा वोटों के ध्रुवीकरण का मौका न मिल जाए। रालोद सपा के इस दांव चलने में कांग्रेस के इमरान मसूद ने भी अहम भूमिका निभाई है ताकि मुस्लिम वोटरों को रालोद प्रत्याशी के पक्ष में पूरी तरह लामबंद किया जा सके।
बता दें कि समाजवादी पार्टी का खेमा इस बार अखिलेश यादव के चुनाव प्रचार किए बगैर यह जीत दिलाना चाहता है, ताकि 2019 के लिए माहौल और तेज किया जा सके। मायावती और अखिलेश के गए बगैर यह जीत होती है तो बीजेपी के लिए और भी दबाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
वहीं, ऐसी भी संभावना है कि अखिलेश नूरपुर में भी चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि महागठबंधन को आशंका है कि कैराना में चुनाव प्रचार और बड़ी रैलियों का दांव उल्टा पड़ सकता है और इससे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का मौका मिल जाएगा।
बता दें कि अखिलेश यादव को आरएलडी और एसपी के स्टार प्रचारक की लिस्ट में रखा गया था। सूत्रों का कहना है कि एसपी और आरएलडी का यह मानना है कि बड़ी रैलियों से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो सकता है और यह बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है। महागठबंधन की नजरें जाट और गुर्जर वोट बैंक पर है। कैराना और नूरपुर में दलितों और मुस्लिमों की कुल आबादी 40 फीसदी के करीब है।
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