चौधरी देवी लाल पूरे देश के नेता व किसानों के रहनुमा थे
BY Suryakant Pathak25 Sep 2016 4:18 PM GMT

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Suryakant Pathak25 Sep 2016 4:18 PM GMT
करनाल: शिवपाल सिंह यादव ने करनाल, हरियाणा में चौधरी देवी लाल जयंती पर उन्हें पुष्प अर्पित किये। उन्होंने कहा कि चौधरी देवी लाल को केवल हरियाणा का नेता कहना उनके महत्व को घटाना होगा। वे पूरे देश के नेता व किसानों के रहनुमा थे जिन्होंने पूरा जीवन गाँव एवं गरीब को उनका अधिकार दिलाने में लगा दिया।
यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव रविवार को हरियाणा के करनाल में कहा कि अखिलेश सरकार ने किसानों के लिए बहुम काम किया। किसानों को 5 लाख का मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों की मदद की जा रही है। सीएम अखिलेश यादव ने अपने सारे वादे पूरे किए।
श्री यादव ने कहा कि ताऊ देवी लाल हरियाणा के शेर थे जिनकी गर्जना से लोकतंत्र को ताकत मिलती थी। वे दो बार भारत के उप प्रधानमंत्री व हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे लेकिन उनका कद इन पदों से कई गुणा बड़ा था। किसानों के सबसे बड़े नेता सरदार बल्लभ भाई पटेल थे, उनके बाद किसानों का कोई नेता हुआ तो वे चौधरी देवी लाल व चरण सिंह जी थे। नेताजी भी इसी परम्परा के नेता हैं। इतिहास में उनके योगदान की कम चर्चा मिलती है। उनके महत्व पर उतनी चर्चा व बहस नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी या जितनी होनी चाहिए। वे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। आज ही के दिन 1914 में जन्मे देवीलाल जी गांधी जी के कट्टर समर्थक व सत्याग्रही थे। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के कारण स्कूली पढ़ाई छूट गई हालांकि पढ़ाई-लिखाई में उनकी गहरी अभिरुचि थी। वे बड़े मेधावी और मेहनती थे। 1930 में उन्हें एक वर्ष की सजा हुई। जेल में उन्हें काफी यातना दी गई किन्तु ताऊ ने न माफी मांगी न झुके। 1932 में उन्होंने दोबारा सत्याग्रह किया और जेल गए। 1938 में 10 हजार लोगों के साथ बड़ा प्रदर्शन करके ताऊ ने ब्रिटिश राज की चूलें हिला दी। अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उन्होंने राममनोहर लोहिया जी के मार्ग का अनुसरण किया। भूमिगत होकर आंदोलन को धार देते रहे। बाद में अंग्रेजो ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आजादी के बाद वे किसानों की आवाज बनकर उभरे। 1952 में वे पंजाब विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए तब पंजाब व हरियाणा एक थे।
श्री यादव ने कहा कि चौधरी देवी लाल जी ने हरियाणा को बनाने और विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए वे लड़े और 19 महीने जेल रहे। 1977 में कांग्रेस के वजूद को तोड़ते हुए उन्होंने जनता पार्टी की सरकार बनाई। सरकार बनाने के बाद उन्होंने बजट में गाँव व गरीब को विशेष स्थान दिया। वे विश्वनाथ प्रताप सिंह व चन्द्रशेखर सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे। चौधरी देवी लाल लोकतंत्र व समाजवाद के महान सेनानी के रूप में सदैव याद किए जाएंगे। लोकदल व समाजवादी जनता पार्टी के गठन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। श्री यादव ने चौधरी देवी लाल के लिए लाल बहादुर शास्त्री, विनोबा भावे, सरदार पटेल, जेपी की तरह "भारत-रत्न" देने की मांग की। चौधरी जी जनसेवा में स्वयं तो रहे ही साथ ही साथ पूरा परिवार को समर्पित कर दिया। चाहे आजादी की लड़ाई हो, या आपातकाल का विरोध हो, चौधरी देवीलाल का संघर्ष इतिहास की अनमोल धरोहर है।
आज देश एक बार फिर चौधरी देवीलाल की कमी महसूस कर रहा है। साम्प्रदायिकता से हम चौधरी साहब के विचारों व विरासत को अपना कर ही लड़ सकते हैं। नेताजी, लोहिया के बाद चौधरी देवीलाल व चौधरी चरण सिंह को ही अपना अदर्श मानते हैं क्योंकि इन विभूतियों का लक्ष्य एक था, जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी अब हम सबकी है। इस समय हरियाणा की प्रतिव्यक्ति आय लाख रूपये से अधिक है, इसकी गणना अमीर प्रांतों में होती है, इसके लिए चौधरी साहब की आर्थिक व सामाजिक नीतियों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
श्री यादव ने किसानों के प्रति चौधरी देवी लाल के योगदान के बारे बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने किसानों की हर संभव मदद की है। प्रदेश सरकार ने अपने सभी वादे पूरे किए हैं। नहरों की सफाई करके हर खेत को मुफ्त पानी पहुंचाया और समय से खाद व बीज उपलब्ध करा कर किसानों का सर्वांगीण विकास कराया।
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