समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों में ब्राहमण वोट को लेकर हलचल

लखनऊ : विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी ने'ब्राहमण कार्ड' खेलकर सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी की बेचैनी बढ़ा दी है। अब समाजवादी सरकार 26 सितंबर को प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में इस वर्ग के वोटरों को पाले में रखने के लिये ब्राहमण मंत्रियों की संख्या में इजाफा करने पर विचार कर सकती है।
उत्तर प्रदेश में तकरीबन 13 फीसद ब्राहमण मतदाता हैं। वर्ष 2012 के चुनाव में इस वर्ग के बड़े हिस्से ने समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान किया था, मगर लोकसभा चुनाव में कुछ हद तक उनका रुझान बदल गया था। अब 2017 के विधानसभा चुनाव करीब हैं और इस वर्ग के वोटरों को पाले में करने के लिए कांग्रेस और भाजपा पहले ही पुरजोर कोशिश कर रही है। अब बसपा मुखिया मायावती ने दलित बहुल सीटों पर ब्राहमण को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए अपनी पार्टी महासचिव सतीश मिश्र को आगे किया है।
टिकट बंटवारे में ब्राहमण की नुमाइंदगी बढ़ाने का भी संकेत किया है जिससे समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों में भी हलचल हुई है। दरअसल समाजवादी पार्टी ने जिस मनोज पाण्डेय और कान्यकुब्ज राजेश दीक्षित को ब्राहमण चेहरा बनाया था, उन्ही दोनों को अब उपेक्षित कर रखा है। एक को 27 जून को मंत्री पद से बर्खास्त किया गया तो दूसरे से राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सचिव पद छीन लिया गया।
इससे पहले एक और ब्राहमण चेहरे शिवाकांत ओझा को भी मंत्रिमंडल से बाहर किया गया था। इन फैसलों से समाजवादी पार्टी के साथ रहे ब्राहमण में खासा असंतोष फैल गया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ब्राहमण की भूमिका अपेक्षाकृत ज्यादा अहम होगी। दरअसल भाजपा ने पिछड़ों की नुमाइंदगी करने वाले पार्टी के मूल नेताओं के साथ दूसरे दलों के पिछड़े, अतिपिछड़े वर्ग में प्रभाव रखने वालों को पाले में करने का अभियान चला रखा है।
इत्तिफाक भी कह सकते हैं कि अब यही पिछड़े मतदाता समाजवादी पार्टी को बढ़त दिलाते रहे हैं। दलितों का बड़ा हिस्सा पहले से ही सपा से दूरी बनाकर चलता दिख रहा है। मुसलमान असमंजस में हैं। ऐसे में ब्राहमण का दल विशेष के पक्ष में झुकाव खासा मायने रखेगा।
सूत्रों का कहना है कि सियासी परिस्थितियों से वाकिफ समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार 26 सितंबर के मंत्रिमंडल विस्तार में ब्राहमण की नुमाइंदगी बढ़ाकर इस वर्ग का कुछ हिस्सा अपने पाले में बनाये रखने का दांव चल सकते हैं। मौजूदा राज्य सरकार में विजय मिश्र, पवन पांडेय, ब्रrाशंकर त्रिपाठी, शारदा प्रताप शुक्ल व अभिषेक मिश्र के रूप में ब्राहमण की नुमाइंदगी है, जो वोटों के प्रतिशत की तुलना में अधिक नहीं है क्योंकि इससे कम वोटों वाली जातियों की नुमाइंदगी अपेक्षाकृत अधिक है।