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काली कमाई : पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को हाईकोर्ट से लगा तगड़ा झटका
BY Suryakant Pathak24 Sep 2016 7:55 AM GMT
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Suryakant Pathak24 Sep 2016 7:55 AM GMT
इलाहाबाद: यूपी में कुछ सालों पहले रही मायावती सरकार में सूबे के उच्च शिक्षामंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने वाराणसी की एंटी करप्शन स्पेशल कोर्ट द्वारा राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगाए जाने और जांच एजेंसी द्वारा दाखिल चार्जशीट को रद्द किये जाने की उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है.
स्पेशल कोर्ट में तीस दिनों के अंदर सरेंडर
कोर्ट ने राकेशधर को कोई अंतरिम राहत भी नहीं दी है और वाराणसी की स्पेशल कोर्ट में तीस दिनों के अंदर सरेंडर करने को कहा है. हाईकोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर जेल जाने का खतरा बढ़ गया है.
राकेशधर के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति रखने और भ्रष्टाचार की धाराओं में साल 2013 में इलाहाबाद के मुट्ठीगंज पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया गया था. इस मामले की जांच सतर्कता विभाग द्वारा की गई थी.
122 करोड़ रूपये की सम्पत्ति
जांच में सतर्कता विभाग ने राकेशधर को आय से अधिक सम्पत्ति रखने का दोषी पाया. उनके पास 122 करोड़ रूपये की सम्पत्ति पायी गयी जबकि उनकी आय वर्ष 2011-13 के बीच 45 लाख रूपये थी.
आरोप है कि यह रकम उन्होंने मंत्री रहते हुए कमाई थी. सतर्कता विभाग ने अपनी रिपोर्ट शासन के पास भेजी. शासन ने इसे अभियोजन स्वीकृति के लिए राज्यपाल के समक्ष भेज दी. राज्यपाल ने इसी साल पंद्रह फरवरी को अभियोजन चलाने की मंजूरी दे दी थी.
सियासी बदले की भावना
इसके बाद सतर्कता विभाग ने इस मामले में वाराणसी की एंटी करप्शन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. कोर्ट ने तेरह अप्रैल को राकेशधर को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ कार्रवाई सियासी बदले की भावना से की जा रही है.
अभियोजन स्वीकृति से पूर्व उनको सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता ने कहा कि राज्यपाल ने पूर्वमंत्री को दो बार नोटिस भेजा था जिसका उन्होंने जवाब दिया है. इसके आधार पर राज्यपाल ने साक्ष्यों और तथ्यों को देखते हुए अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी है.
जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस विपिन सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद बीस सितम्बर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था और फैसला सुनाने के लिए आज का दिन तय किया था.
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