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उत्तर प्रदेश

तो क्या अब छीन जायेगा पार्टियों का चुनाव चिन्ह ! : रोहित

तो क्या अब छीन जायेगा पार्टियों का चुनाव चिन्ह !   :  रोहित
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  • लखनऊ सहित देश के 258जिलाधिकारियों के माध्यम से दिया चुनाव आयोग को चेतावनी पत्र
  • लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संघर्षों से चुनाव आयोग नें दिया वोटिंग मशीन पर प्रत्याशियों की फोटो लगाने का आदेश, अब EVM से चुनाव-चिन्हों को हटाने की है मांग
  • 30 सितम्बर को घेरेंगे दिल्ली में मुख्य चुनाव आयोग, जुटेंगे देश भर के आज़ाद प्रत्याशी
  • राज्यपाल राम नाईक नें भी लिखा पत्र चुनाव आयोग को अवसर की समता सुनिश्चित करने हेतु

वोटिंग मशीन EVM से चुनाव चिन्ह हटाकर अवसर की समता के लिए चल रहे लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के तहत देश के 258जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्य चुनाव आयोग को चेतावनी पत्र दिया गया जिसमें कहा गया कि देश भर के करोणों वोट पाए32000 आज़ाद प्रतिनिधियों नें चुनाव आयोग में पोस्टकार्ड पर पेटीशन लिखकर वोटिंग मशीनEVM से चुनाव चिन्ह हटानें के लिए अपील दाखिल किया था लेकिन अब तक नहीं हटाया गया यदि अगले 2 हफ्ते में नहीं हटाया गया तो देश के सैकड़ों आज़ाद प्रत्याशी ३० सितम्बर को दिल्ली पहुच कर चुनाव में अवसर की समता पाने के लिए मुख्य चुनाव आयोग घेरेंगे और तबतक जमे रहेंगे जबतक चुनाव-चिन्ह हटाने का आदेश नहीं होता |

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक नें भी मुख्य चुनाव आयुक्त श्री नसीम जैदी को चुनाव में अवसर की समता सुनिश्चित कराने के लिए लिखे पत्र में कहा कि चुनाव में कुछ प्रत्याशी अभी से अपने चुनाव चिन्ह का प्रचार कर रहे हैं जबकि आज़ाद प्रत्याशी को उसका चिन्ह ही नहीं मालूम लिहाज़ा निर्दलियों को भी अभी से मिले चुनाव चिन्ह या पार्टी प्रत्याशियों का भी प्रचार रोका जाये, हालाँकि अब जब वोटिंग मशीन EVMपर सभी प्रत्याशियों की फोटो लगने लगी है फिर अब चुनाव चिन्ह की कोई जरुरत नहीं रह जाती है लिहाज़ा अब चुनाव चिन्ह को वोटिंग मशीन EVM से हटा कर अवसर की समता दी जानी चाहिये |

इस आन्दोलन को देश व्यापी बनाने के लिए18 राज्यों के 3 करोण 70 लाख वोट पाए लगभग 36500 आज़ाद प्रत्याशियों से पत्र द्वारा संपर्क कर समर्थन माँगा गया जिसके फलस्वरूप EVM से चुनाव-चिन्ह हटाने के लिए अब तक तक़रीबन 25000 पोस्टकार्ड पर लिखित अपील मुख्य चुनाव आयोग, दिल्ली पहुच चुकी है |

विदित हो कि पार्टियाँ चुनाव न लड़ती हैं और न लड़ सकती हैं इसीलिए पार्टियों का नाम कभी वोटिंग मशीन EVM पर नहीं होता फिर भी दल की सरकार बनती है क्यूंकि चुनाव आयोग नें पार्टियों को चुनाव चिन्ह आरक्षित कर दिया है, दलों के आरक्षित चुनाव चिन्हों से ही तय हो जाता है कि किस दल के कितने प्रत्याशी जीते हैं उसी दल की सरकार मान ली जाती है | अब EVM पर प्रत्याशियों की फोटो चुनाव-चिन्ह के रूप में लगने लगी है लोग पहचान कर वोट दे लेंगे किसी अन्य चिन्ह की जरुरत ही नहीं, लिहाजा हटाया जाये क्यूंकि देश की सबसे महंगी बिकाऊ चीज है चुनाव-चिन्ह, इसके हटते ही संविधान के द्वारा प्रदत्त अवसर की समता मिल जायेगा, लोकतंत्र का पहला चरण चुनाव है जो शुद्ध और निष्पक्ष होना चाहिये |
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