गायत्री के दोबारा शपथ की तारीख तय नहीं

राज्यपाल ने तारीख तय करने का जिम्मा मुख्यमंत्री पर भी छोड़ दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की दोबारा शपथ को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए जा रहे सवालों से परेशान हैं। मुख्यमंत्री ने 2017 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी क्लीन इमेज का संदेश देने के लिए अवैध खनन में हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इसी तरह राजकिशोर सिंह को भी जमीनों पर कब्जे व भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। लेकिन जब 17 सितंबर को मुख्यमंत्री ने गायत्री को दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा, तब से अखिलेश विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।
खासतौर से कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बसपा प्रमुख मायावती गायत्री प्रसाद प्रजापति की शपथ को लेकर सवाल उठा चुके हैं। इन नेताओं ने अखिलेश से सवाल किया कि यदि गायत्री ईमानदार थे तो बर्खास्त क्यों किया और भ्रष्ट हैं तो फिर दोबारा शपथ क्यों दिलाई जा रही है। इसका फैसले लेने वाला कोई और है। इस बीच, अखिलेश के युवा कार्यकर्ताओं को लगातार पार्टी से निकाला जा रहा है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अखिलेश भी इसी राजनैतिक सरगर्मी के मद्देनजर शपथ को लेकर तारीख तय करने से बच रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर सन्नाटा खींच लिया।
हालांकि यह भी माना जा रहा है कि पितृ पक्ष में कोई शुभ काम नहीं होता है। इसलिए यह भी संभव है कि शपथ की तारीख पितृ पक्ष के बाद तय हो। लेकिन शपथ लेने वालों में बेचैनी हैं। खासतौर से जियाउद्दीन रिजवी को मंत्री नियुक्त हुए कई माह हो गए। आज तक शपथ नहीं हो सकी है। उनको लग रहा है कि गायत्री की शपथ के सहारे उनका भी नंबर आ जाएगा। गायत्री की वापसी से दूसरे बर्खास्त मंत्री राजकिशोर सिंह भी उत्साहित हैं। उनको लगता है कि जब गायत्री की वापसी हो रही है तो उनकी भी वापसी हो ही जाएगी। वे भी इसी कोशिश में लगे हैं। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री शपथ की तारीख तय करके कब राज्यपाल को बताते हैं।