"सादा जीवन व उच्च विचार" मोहन सिंह का जीवन-दर्शन था - शिवपाल
BY Suryakant Pathak22 Sep 2016 1:13 PM GMT

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Suryakant Pathak22 Sep 2016 1:13 PM GMT
लखनऊ : समाजवादी चिन्तक व सपा के राष्ट्रीय महासचिव-प्रवक्ता रहे मोहन सिंह की पुण्य-तिथि पर मोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि मोहन सिंह जितने बड़े समाजवादी थे उतने ही बड़े लेखक व विचारक थे।
उन्होंने समाजवादी सिद्धान्तों को रोजमर्रा के काम-काज में ढ़ाला। वे सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रवक्ता, तीन बार के लोक सभा सदस्य, राज्य सभा सदस्य, मंत्री व विधायक जैसे बड़े पदों पर रहे किन्तु पदों की विकृतियाँ और घमण्ड़ से कोसां दूर रहे।
"सादा जीवन व उच्च विचार" उनका जीवन-दर्शन था। उन्होंने 6 पुस्तकें और लगभग 6 सौ लेख लिखे। युवाओं और नई पीढ़ी के समाजवादियों को मोहन सिंह से सैद्धान्तिक प्रतिबद्धता, सादगी, त्याग और नेतृत्व गुण सीखना चाहिए।
उन्होंने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मैं जब भी दिल्ली जाता था, उनसे जरूर मिलता था। उनसे समसामयिक विषयों व सिद्धान्त की जानकारी मिलती थी। व्यवहारिक राजनीति में वे चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाने के पश्चात् केन्द्र में नेताजी को प्रधानमंत्री बनाकर समाजवाद का परचम लहराया जाए। उनका दूसरा ख्वाब अभी भी अधूरा है जिसे पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।
अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि अखिलेश ने कई नवोन्मेषी लोककल्याणकारी काम करते हुए लोहिया, जनेश्वर व मोहन सिंह के सपनों को मूर्तरूप दे रहे हैं। मोहन सिंह की सीख के अनुसार शीघ्र ही कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशालाओं, प्रशिक्षण-शिविरों व विचार-गोष्ठियों का दौर शुरू किया जाएगा। इसके अलावा सपा मुख्यालय में भी मोहन सिंह जी की पुण्य-स्मृति में विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सपा प्रवक्ता व विधान परिषद सदस्य अशोक बाजपेयी, अम्बिका चौधरी, समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र समेत कई वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी की अध्यक्षता विधान परिषद सदस्य एस0आर0एस0 यादव ने किया।
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