कैराना उपचुनाव बाद सपा-बसपा करेंगी सीट बंटवारे की घोषणा
BY Anonymous25 May 2018 12:53 AM GMT

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Anonymous25 May 2018 12:53 AM GMT
सपा-बसपा के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे पर कैराना व नूरपुर उपचुनावों के बाद चर्चा होगी। सीट तय होने पर ही दोनों दलों में गठबंधन का एलान होगा। कैराना उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि रालोद गठबंधन का हिस्सा होगा या नहीं। रालोद की जीत हुई तो न सिर्फ वेस्ट यूपी की राजनीति में उसका कद बढ़ेगा, बल्कि गठबंधन में भी उसे सम्मान मिलेगा।
गोरखपुर व फूलपुर उपचुनावों की तरह बसपा ने कैराना व नूरपुर में रालोद-सपा उम्मीदवारों का खुलकर समर्थन नहीं किया। हालांकि, बसपा के जिला स्तरीय सम्मेलन में भाजपा को निशाने पर लिया गया है। इसे गठबंधन के लिए समर्थन का इशारा माना जा रहा है।
कर्नाटक में जिस तरह अखिलेश-मायावती गर्मजोशी से मिले हैं और उनके बीच गुफ्तगू हुई है, उससे दोनो दलों के गठबंधन की उम्मीदों को मजबूती मिली है। इस गठबंधन की घोषणा तभी होगी जब उनके बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा हो जाएगा।
सीटों के बंटवारे पर दोनों दलों के बीच कैराना उपचुनाव के बाद बातचीत शुरू होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक दोनों दल बराबरी की हैसियत में गठबंधन करेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर सपा या बसपा नंबर-2 रहे हैं, उन पर 2019 में चुनाव लड़ने का पहला दावा उसी का होगा। मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए नंबर-2 की कुछ सीटों की अदला-बदली भी होगी। ऐसी सीटों को चिह्नित की जा रही हैं।
रालोद के लिए निर्णायक होगा उपचुनाव
कैराना में रालोद की तबस्सुम हसन और नूरपुर में सपा के नइमुल हसन गठबंधन के उम्मीदवार हैं। दोनों सीटों पर भाजपा कड़ी चुनौती देती दिख रही है। अगर रालोद चुनाव जीता तो इसका मतलब निकाला जाएगा कि चौ. अजित सिंह जाट वोटों को अपने मुस्लिम प्रत्याशी के पक्ष में ट्रांसफर कराने में कामयाब रहे हैं। अगर कैराना में भाजपा जीती तो ऐसी स्थिति में रालोद को भाजपा विरोधी गठबंधन में शामिल करने पर भी सवाल खड़ा हो सकता है।
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