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उत्तर प्रदेश

सरकारी वकीलों को तोहफा, फीस और भत्ते बढ़े

सरकारी वकीलों को तोहफा, फीस और भत्ते बढ़े
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच के सरकारी वकीलों को तोहफा दिया है। साथ ही घोषणा की है कि जिलों में तैनात सरकारी वकीलों की फीस और भत्ते भी आने वाले समय में बढ़ाए जाएंगे।

कैबिनेट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच के सरकारी वकीलों की फीस और भत्तों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई साल से इनके फीस और भत्ते नहीं बढ़े थे। कैबिनेट के फैसले के अनुसार हाईकोर्ट के मुख्य स्थाई अधिवक्ता-शासकीय अधिवक्ता (लोक अभियोजक) की रिटेनर फीस 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 22 हजार रुपये प्रति माह कर दी गई है।

अपर स्थाई अधिवक्ता-अपर शासकीय अधिवक्ता-प्रथम (अपर लोक अभियोजक-प्रथम) की रिटेनर फीस आठ हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये प्रति माह कर दी गई है। स्थाई अधिवक्ता- अपर शासकीय अधिवक्ता-द्वितीय (अपर लोक अभियोजक-द्वितीय) की रिटेनर फीस छह हजार से बढ़ाकर नौ हजार रुपये कर दी गई है। इसी तरह बहस के लिए मुख्य स्थाई अधिवक्ता-शासकीय अधिवक्ता (लोक अभियोजक) की फीस पांच हजार रुपये प्रति कार्य दिवस पांच हजार से बढ़ाकर सात हजार रुपये कर दी गई है। अपर मु्ख्य स्थाई अधिवक्ता-अपर शासकीय अधिवक्ता-प्रथम (अपर लोक अभियोजक-प्रथम)की फीस तीन हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रति कार्यदिवस, स्थाई अधिवक्ता-अपर शासकीय अधिवक्ता-द्वितीय (अपर लोक अभियोजक द्वितीय) की फीस दो हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रति कार्यदिवस कर दी गई है। इसके अलावा वादधारक की बहस के लिए फीस एक हजार तीन सौ रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दी गई है।

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