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कश्मीर में आतंकी हमले में 17 शहीदों में जौनपुर का भी जवान, घर में मचा कोहराम
BY Suryakant Pathak19 Sep 2016 11:56 AM GMT

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Suryakant Pathak19 Sep 2016 11:56 AM GMT
जाैनपुर. कश्मीर में आर्मी के उड़ी हेडक्वार्टर में पर हुए आतंकी हमले में 17 शहीद जवानों में से 4 उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें जौनपुर के भकुरा गांव निवासी राजेश सिंह भी शामिल हैं। घटना के बाद परिवार में मातम पसरा है। सोमवार शाम तक इनका पार्थिव शरीर आने की संभावना है। पत्नी रो-रोकर हो रहीं बेहोश...
-घटना की जानकारी हाेते ही शहीद राजेश सिंह की पत्नी जूली सिंह, पिता राजेंद्र प्रताप सिंह, माता प्रमाैती देव, बेटा निशांत सिंह (5) का राे-राे कर बुरा हाल है।
-वे सिपाही के पद पर तैनात थे। 6 साल पहले उनकी शादी आजमगढ़ के लालमऊ मेहनाजपुर हुई थी।
-राजेश सिंह 3 भाई उमेंद्र सिंह और राकेश सिंह और 2 बहन रीना सिंह और बीना सिंह थे।
वकीलों ने फूंका पाक का पुतला
-कश्मीर में जवानों पर हुए हमले के विराेध में जिलेभर में लाेगाें ने आक्राेश जताया।
-दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताआें ने प्रदर्शन किया।
-इसी तरह मछलीशहर तहसील में पाकिस्तान का पुतला फूंकते हुए न्यायिक कार्य रोक दिया गया।
-बदलापुर में भी पाकिस्तान का पुतला फूंका गया। प्रदर्शन कारियाें ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
-लोगों ने कहा कि मोदी पाकिस्तान पर हमला करने और आतंकियों को निकालने में असफल हैं, तो दुनिया में वैश्विक छवि बनाने की उनकी कोशिश व्यर्थ साबित होगी।
-सेना ने जम्मू-कश्मीर में सरकार को भंग करने और राज्य में मार्शल लॉ लागू करने की मांग की, ताकि वहां आतंकियों व पाकिस्तान समर्थकों से कड़ाई से निबटा जा सके।
-उन्हाेंने कहा कि पठानकोट आतंकी हमले में भी जांच के बाद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
-हम आतंकी हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत क्यों ढूंढ रहे हैं? वहीं पाकिस्तान हमपर हमला बाेल रहा है।
-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन सबूतों का कोई महत्व नहीं है।
-यदि मोदी को पाकिस्तान पर हमला करने की हिम्मत नहीं है जैसा कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के साथ किया तो फिर अंतर्राष्ट्रीय छवि बनाने का कोई अर्थ नहीं।
-यदि पाकिस्तान चार आतंकियों से भारत में खौफ पैदा कर सकता है तो भारत अपने सुरक्षा बलों से पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं कर सकती?
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ
-रविवार को पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के 4 आत्मघाती आतंकियों ने तड़के 5.30 बजे उरी में सेना की 12वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर हमला बोला।
-यह हमला सुनियोजित साजिश का हिस्सा था।
-मारे गए आतंकियों से बरामद उपकरण और अन्य सामग्रियों पर पाकिस्तानी मार्क पाए गए हैं।
-इसको लेकर डीजीएमओ ने पाकिस्तानी समकक्ष से बात की और गंभीर चिंता जताई।
-इससे आठ माह पहले पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में मारे गए आतंकियों के भी इसी तरह पाकिस्तानी होने के साक्ष्य मिले थे।
जवानों ने चारों आतंकियों को मार गिराया
-इस हमले में भी शहीद हाेने वाले भारतीयाें में जाैनपुर का एक लाल भी शामिल था।
-इधर, उड़ी में ब्रिगेड मुख्यालय नियंत्रण रेखा से कुछ किमी और श्रीनगर से 70 किमी दूर है।
-सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने मुख्यालय स्थित एक कैंप पर हमला किया।
-धमाके के साथ अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। टेंट में डोगरा और बिहार रेजिमेंट के जवान सो रहे थे।
-विस्फोट के कारण टेंट में आग लग गई। इसके बाद शुरू हुई मुठभेड़ लगभग 3 घंटे तक चली और चारों आतंकी मारे गए।
ग्रेनेड की वजह से बैरकों में लगी आग
-हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है, लेकिन सैन्य अधिकारियों ने बताया कि हमले में शामिल आतंकियों से मिले दस्तावेज बताते हैं कि उनका संबंध जैश-ए-मुहम्मद से था।
-टेंटों में 6 बिहार रेजिमेंट के जवान ज्यादा थे।
-आतंकियों ने स्वचालित हथियारों के साथ-साथ ग्रेनेड भी दागे, जिससे टेंट और अन्य अस्थाई बैरकों में आग लग गई।
-शहीद जवानों में चार जवान उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के थे। जौनपुर के राजेश कुमार सिंह ने भी आतंकियों से मोर्चा लिया था।
-ये तीनों सिपाही के पद पर थे। लांस नायक के पद पर कार्य करने वाले बलिया के आरके यादव शहीद होने वाले उत्तर प्रदेश के चौथे सैनिक हैं।
दाेपहर तक अनजान बना रहा प्रशासन
-मीडिया में खबरे आने के बाद हर काेई यह पता लगाने में जुट गया कि राजेश कुमार सिंह कहां के हैं।
-इस बात की खुद प्रशासन काे जानकारी नहीं हाे पाई थी।
-डीएम भानुचंद्र गाेस्वामी, एडीएम उमाकांत त्रिपाठी भी परेशान थे।
-काफी खाेजबीन आैर उच्चाधिकारियाें से संपर्क करने के बाद दाेपहर पता चल सका।
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