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उत्तर प्रदेश

चुनाव बाद बहुमत आने पर तय होगा सीएम: शिवपाल

चुनाव बाद बहुमत आने पर तय होगा सीएम: शिवपाल
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समाजवादी पार्टी में मचे भूचाल के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने इस्तीफा देने से पहले गुरुवार की दोपहर में कहा कि नेता जी ने ही उन्हें पहले प्रदेश प्रभारी और फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। अखिलेश को वर्ष 2017 में फिर से मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किए जाने के सवाल पर कहा कि चुनाव बाद बहुमत आने के बाद ही नेता (मुख्यमंत्री) तय हो जाएगा।

कोई पद छोटा-बड़ा नहीं
उन्होंने कहा कि नेता जी ने वर्ष 2011 के चुनाव में बहुमत आने के बाद अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था, तब भी कोई आपत्ति नहीं की थी। मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश आज भी उन्हें स्वीकार हैं। वर्ष 2011 में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वह थे और उन्हें हटाकर अखिलेश को अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने इसे भी सहर्ष स्वीकार किया और इस फैसले को मानने में एक मिनट की भी देरी नहीं की। कोई पद छोटा-बड़ा नहीं होता है और मेहनत करने से आगे बढ़ा जाता है।

पार्टी में कोई विवाद नहीं है
पार्टी में कोई विवाद नहीं है और न ही पार्टी मुसीबत में है। नेता जी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देंगे उसे निभाने को तैयार हैं। रामगोपाल द्वारा पार्टी में प्रदेश प्रभारी का पद होने का प्रावधान न होने की बात पर शिवपाल ने कहा कि उन्हें नेता जी ने प्रभारी बनाया है और उनके फैसले को चैलेंज देने की हैसियत किसी में नहीं है।

मुझे नहीं लगता नेता जी से पूछा गया होगा
शिवपाल ने मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभाग छीने जाने संबंधी सवाल पर खिन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह फैसला मुख्यमंत्री का है। मुख्यमंत्री को यह अधिकार है कि जिसे चाहे जो विभाग दें। उन्हें नहीं लगता कि उनका विभाग नेता जी से पूछकर छीना गया होगा। उनका विभाग किन परिस्थितियों में छीना गया, इस पर कोई सवाल नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जब नेता जी से मिले थे तो उन्हें मालूम नहीं था कि वह इतनी जल्द पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे।

पार्टी में कोई बाहरी नहीं
मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा बाहरी कहे जाने संबंधी सवाल पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पार्टी में कोई भी बाहरी नहीं है। पार्टी में सभी को एक साथ लेकर चलना चाहिए। सुनी, सुनाई बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। पार्टी में हर तरह के लोग होते हैं। हर कोई मुख्यमंत्री व नेता जी नहीं हो सकता। बसपा प्रमुख मायावती की टिप्पणी पर कहा कि उनकी राय से सपा नहीं चलती। वह अपनी राय अपने पास रखें।

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