नेताजी नहीं सोए कल पूरी रात
BY Suryakant Pathak14 Sep 2016 11:09 AM GMT

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Suryakant Pathak14 Sep 2016 11:09 AM GMT
जिस पार्टी को मुलायम ने खड़ा करने से लेकर सत्ता तक पहुंचाया, जब वही आंखों के सामने बिखरती दिखी तो मुलायम सिंह को बड़ा झटका लगा। मुलायम ने अपने प्रिय मंत्री गायत्री प्रसाद की बर्खास्तगी के बाद जब अखिलेश के खिलाफ प्रतिक्रियास्वरूप पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का पद छीना तो अखिलेश ने फिर मुख्य सचिव को नापने के साथ शिवपाल यादव के अहम विभाग ही छीनकर सरकार में महत्वहीन कर दिया। उधर इस एक्शन-रिएक्शन के खेल के बीच अखिलेश यादव ने बुधवार को जब गवर्नर से मुलाकात का समय लिया तो इसकी आहट दिल्ली की कोठी में मौजूद मुलायम को हुई तो वे बैचैन हो उठे। पहली बार मंगलवार की पूरी रात नहीं सो सके। पार्टी सूत्रों के मुताबिक रात डेढ़ बजे अपने साथ मौजूद प्रो. रामगोपाल यादव से कहा- चुनावी सीजन में यह बहुत बुरा हो रहा है। पार्टी टूटनी नहीं चाहिए। सबको एकजुट करो। बुधवार को एक साथ लखनऊ में बैठकर डैमेज कंट्रोल करना है। नहीं तो सब किए-धरे पर पानी फिर जाएगा।
मुलायम ने कहा मैं शिवपाल को देखता हूं तुम अखिलेश को देखो
सूत्र बता रहे हैं कि दिल्ली आवास पर पार्टी के भीतर मची घमासान पर मुलायम ने प्रो. रामगोपाल से बात की। कहा कि तुम अखिलेश यादव से बातचीत करो, हम शिवपाल को मनाते हैं। इस बीच उन्होंने शिवपाल की पत्नी सरला यादव और बेटे आदित्य से भी बातचीत हुई। आदित्य और उनकी मां सरला यादव से बात हुई। कहा गया कि किसी भी कीमत पर शिवपाल को साथ बैठने के लिए राजी करें। कुनबे में मची कलह के बीच शिवपाल सैफई के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस मे डेरा डाले रहे। जब मुलायम तक संदेश पहुंचा तो बताया जाता है कि वे लखनऊ में मीटिंग के लिए रवाना होने पर तैयार हुए। अब लखनऊ में अखिलेश यादव, शिवपाल, रामगोपाल और मुलायम सिंह यादव के बीच होने वाली बातचीत से निकलने वाले नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को जब कलह मची तो मुलायम दिल्ली की कोठी पर रहे। इस बीच पता चला कि अखिलेश यादव प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने से नाराज हैं। और अब वे बुधवार को राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगे हैं। समय मिल भी गया है। कहां संघी गवर्नर राम नाईक इस संकट में कोई गेम न कर दें, इसकी आशंका से मुलायम सिंह विचलित हो गए। उन्होंने सोचा कि जिस तरह से बिना राय लिए अखिलेश ने दीपक सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटा दिया और इससे पहले मंत्रियों को भी हटा दिया, कहीं विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव का फैसला न करा दें। क्योंकि अखिलेश को लगता होगा कि बाद में पारिवारिक संकट और गहरा सकता है। जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतान पड़ सकता है। इसलिए अभी चुनाव कराया जाना बेहतर है। इस पर मुलायम ने रामगोपाल से रात बीतने पर बुधवार को लखनऊ चलकर पूरे कुनबे के साथ समस्या सुलझाने की बात कही।
पार्टी के कुछ नेता दबी जुबान से कह रहे हैं कि सपा में वापसी के बाद राज्यसभा सदस्य बनने के बाद भी अमर सिंह की कुछ नहीं चल रही है। मनमर्जी का काम नहीं करा पा रहे।
इसलिए मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की नाराजगी के बाद मुलायम की ओर से अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद उभरे असंतोष में उत्प्रेरक का काम कर रहे हैं। मंत्री पद छीने जाने पर अमर सिंह शिवपाल को और भड़काने का काम कर रहे हैं।
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