Home > राज्य > उत्तर प्रदेश > मुलायम परिवार में 'जंग': प्रदेश अध्यक्ष पद गंवाने के बाद अखिलेश ने शिवपाल से छीने कई मंत्रालय
मुलायम परिवार में 'जंग': प्रदेश अध्यक्ष पद गंवाने के बाद अखिलेश ने शिवपाल से छीने कई मंत्रालय
BY Suryakant Pathak13 Sep 2016 4:44 PM GMT

X
Suryakant Pathak13 Sep 2016 4:44 PM GMT
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल यादव को कमान सौंपी गई है। पिछले काफी समय से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच मतभेद की खबरें आ रही हैं। ऐसे में इस फैसले को संतुलन साधने के तौर पर देखा जा रहा है।
सोमवार को ही अखिलेश यादव ने अपने दो मंत्री- गायत्री प्रसाद प्रजापति और राज किशोर सिंह को हटाया था। प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। इसके बाद मंगलवार को अखिलेश ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाकर उनकी जगह राहुल भट्नागर को जिम्मेदारी सौंपी। सिंघल को इस पद पर रहते हुए दो महीने ही हुए थे। दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है।
मुख्य सचिव के हटने के कुछ घंटे बाद ही अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष से हटाने की खबर ने यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
शिवपाल यादव को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लिया। अखिलेश ने शिवपाल से अहम मंत्रालय छीन लिए। शिवपाल के पास करीब 10 मंत्रालयों का पदभार था। सूत्रों के मुताबिक बलराम यादव को सहकारिता, राजस्व मंत्रालय दिया सकता है। वहीं लोक निर्माण विभाग स्वयं अखिलेश ने लिया है।
मुख्य सचिव के हटने के कुछ घंटे बाद ही अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष से हटाने की खबर ने यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
शिवपाल यादव को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लिया। अखिलेश ने शिवपाल से अहम मंत्रालय छीन लिए। शिवपाल के पास करीब 10 मंत्रालयों का पदभार था। सूत्रों के मुताबिक बलराम यादव को सहकारिता, राजस्व मंत्रालय दिया सकता है। वहीं लोक निर्माण विभाग स्वयं अखिलेश ने लिया है।
अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच क्यों है मतभेद
अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मतभेद की खबरें सार्वजनिक तब हुई थीं, जब बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय की तैयारी शुरू हुई। शिवपाल और मुख्तार अंसारी के बीच सहमति बन चुकी थी, लेकिन ऐन मौके पर अखिलेश यादव ने विलय के फैसले को पलट दिया था।
पार्टी सूत्रों के हवाले से खबरें आईं कि शिवपाल ने मुलायम की मंजूरी के बाद ही कौमी एकता के विलय पर कदम आगे बढ़ाया था। बाद में अखिलेश को मनाने की काफी कोशिशें हुईं, लेकिन वह नहीं माने।
इस मुद्दे पर टकराव के बाद शिवपाल ने अपने ही भतीजे की सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए थे। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी एक कार्यक्रम में शिवपाल का पक्ष लेते हुए अखिलेश यादव को फटकार लगाई थी।
पार्टी सूत्रों के हवाले से खबरें आईं कि शिवपाल ने मुलायम की मंजूरी के बाद ही कौमी एकता के विलय पर कदम आगे बढ़ाया था। बाद में अखिलेश को मनाने की काफी कोशिशें हुईं, लेकिन वह नहीं माने।
इस मुद्दे पर टकराव के बाद शिवपाल ने अपने ही भतीजे की सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए थे। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी एक कार्यक्रम में शिवपाल का पक्ष लेते हुए अखिलेश यादव को फटकार लगाई थी।
मुलायम ने कहा था, ''शिवपाल हटे तो सरकार की ऐसी-तैसी हो जाएगी''
अगस्त 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि शिवपाल हटे तो सरकार की ऐसी-तैसी हो जाएगी। जिम्मेदार लोग शिवपाल का अपमान कर रहे हैं। शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है। शिवपाल ने पहले इस्तीफा दिया था उन्हें मैंने रोका।
मुलायम ने कहा था, ''काम नहीं करोगे तो जनता हटाना जानती है। मैं जल्द ही 18 मंडलों का दौरा करूंगा। मंत्री सुविधाखोर और गड़बड़ी कर रहे हैं। पार्टी के कई नेता प्रॉपर्टी का धंधा कर रहे हैं। कुछ नेता और कार्यकर्ता पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।''
Next Story